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भोपाल

किसानों और मजदूरों को दी गई राशि से मिलेगा अर्थव्यवस्था को बल

संकट के दौर में सभी वर्गों को राहत के लिये संकल्पबद्ध है सरकार – मुख्यमंत्री चौहान

भोपालJun 02, 2020 / 11:30 am

Ashok gautam

किसानों और मजदूरों को दी गई राशि से मिलेगा अर्थव्यवस्था को बल

किसानों और मजदूरों को दी गई राशि से मिलेगा अर्थव्यवस्था को बल

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि संकट के इस दौर में किसानों और मजदूरों को विभिन्न कार्यों और योजनाओं का लाभ दिये जाने से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को काफी बल मिलेगा। मध्यप्रदेश सरकार सभी वर्गों को राहत देने के लिये संकल्पबद्ध है।
मुख्यमंत्री चौहान का मानना है कि किसानों को गेहूँ उपार्जन के किये गये भुगतान के अलावा फसल बीमा योजना की राशि के भुगतान, श्रमिकों को बड़ी संख्या में मनरेगा के कार्यों से जोडऩे, पंच परमेश्वर योजना के क्रियान्वयन और नगरों में 830 करोड़ रूपये के आवंटन के फलस्वरूप अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में मदद मिलेगी।
प्रदेश में इस वर्ष किसानों ने कोरोना के संकट के बाद भी अपनी मेहनत से उगाए गेहूँ की उपार्जन व्यवस्था का लाभ लिया। राज्य सरकार द्वारा की गई बेहतरीन व्यवस्थाओं से उपार्जन कार्य में बहुत अच्छी सफलता मिली है। गेहूँ का जो स्टॉक हुआ है, उसे भारतीय खाद्य निगम की नियमित क्षमता के हिसाब से अन्य राज्यों तक पहुंचाने में डेढ़-दो साल का समय लगेगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज वीडियो कान्फ्रेंसिंग द्वारा प्रमुख सचिव खाद्य शिवशेखर शुक्ला से उपार्जन संबंधी अद्यतन जानकारी प्राप्त की। शुक्ला ने बताया कि आज तक प्रदेश में 124 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन 15 लाख 54 हजार किसानों सेकिया गया है। प्रदेश में 13 लाख 05 हजार किसानों को इसके लिये 17 हजार 457 करोड़ रूपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है। इन किसानों में साढ़े 9 लाख छोटे और मध्यम श्रेणी के किसान शामिल हैं। इस वर्ष राज्य में अनुमानित 23 हजार करोड़ रूपये का भुगतान किया जाना है।
मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि किसानों को उपार्जित गेहूँ की राशि का भुगतान करने का कार्य भी पूरी तरह शीघ्र सम्पन्न किया जाए। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में बताया गया कि प्रदेश में 110 लाख 40 हजार मीट्रिक टन गेहूँ का परिवहन किया जा चुका है। यह उपार्जित गेहूँ का 90 प्रतिशत है। भारतीय खाद्य निगम के लिये भी यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य होगा। प्रदेश में हुये बम्पर गेहूँ उत्पादन को अन्य जरूरतमंद राज्यों तक पहुंचाने के लिये पूरी व्यवस्था जमानी होगी। प्रमुख सचिव शुक्ला ने जानकारी दी कि प्रदेश में गेहूँ के भंडारण की तुलना रेलवे रेक से करें तो 5 हजार रेक के बराबर गेहूँ का भंडारण हुआ है। यह कुल 6 लाख 25 हजार ट्रक क्षमता के बराबर है।
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