बुधवार को ग्वालियर, भोपाल, जबलपुर, छिंदवाड़ा इलाके में बादलों के साथ बूंदाबांदी हुई। मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया, अप्रेल में इस तरह की स्थिति अक्सर बनती है, क्योंकि ऊष्णता अधिक हो जाती है। ऐसे में नमी होने पर बादल, गरज- चमक की स्थिति बनती है। इस समय राजस्थान में ऊपरी हवा का चक्रवात है। साउथ वेस्ट एमपी से तमिलनाडु तक द्रोणिका थी, जो आगे बढ़ चुकी है, लेकिन उसके असर से नमी है । इसलिए बादल, बूंदाबांदी की स्थिति बन रही है।
आसमान में छा गए बादल
वहीं बात जबलपुर की करें तो यहां पर भी पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बुधवार को मौसम में परिवर्तन हुआ। सूर्योदय के साथ धूप खिली। दोपहर तक धूप तल्ख रही। इससे पारा चढ़ा। गर्मी महसूस हुई। दोपहर बाद हल्के बादल आसमान में छा गए। सूरज के आड़े आए बादलों ने तपिश रोक दी। आसपास के जिलों से हल्की नमी भरी हवा आने लगी। इससे गर्मी कुछ कम हुई। तापमान में भी कमी आयीं। लेकिन बादलों के बने रहने से शाम तक उमस होने लगी।
कहीं-कहीं हो सकती है बूंदाबांदी
मौसम विज्ञान केन्द्र में वैज्ञानिक सहायक देवेन्द्र कुमार तिवारी के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव आने से मौसम में मामूली परिवर्तन हुआ। राजस्थान के ऊपर चक्रवात बना हुआ है। इसके प्रभाव से पूर्वी मध्यप्रदेश के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र निर्मित है। मध्यप्रदेश के कुछ शहरों में शुक्रमार को मौसम मुख्यतः शुष्क रहने की संभावना है लेकिन राजधानी भोपाल के आसपास के जिलों कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी होने की सम्भावना है।