जानिए, ये सामान्य छाले हैं या…
-मूंह में अल्सर होने से खाते-पीते समय बहुत ज्यादा दर्द होता है।
-व्यवहार में चिड़चिड़ापन आने लगता है।
-हमेशा थकान महसूस होने लगती है।
-मूंह के घाव में लालिमा नजर आने लगती है।
मूंह के अलसर का कारण
-ये ज़रूरी नहीं है कि, हर व्यक्ति को छाले होने का एक ही कारण हो। कई बार पेट की गर्मी से छाले हो जाते हैं या ज्यादा मिर्च-मसाले और गर्म खाने का सेवन करने से भी मूंह में छाले हो जाते हैं।
-कई बार खाना खाते समय दांतों के बीच जीभ या गाल आ जाने से भी छाला पड़ जाता है। हालांकि, ये सामान्य छाले होते हैं, जो आमतौर पर मुंह की लार से ही ठीक हो जाते हैं।
-एलोपैथ दवाओं के दुष्परिणामसे भी मुंह में छाले हो जाते हैं। एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करने से हमारी आंतों में अच्छे जीवाणुओं की संख्या घट जाती है। नतीजतन मुंह में छाले हो जाते हैं।
-दांतों की गलत संरचना भी मूंह के छालों का कारण बन सकती है। यदि दांत आड़े-तिरछे, नुकीले या आधे टूटे हुए हैं और इसकी वजह से वे जीभ या मुंह में चुभते हैं या उनसे लगातार रगड़ लगती रहती है, वहां छाले उत्पन्न हो जाते हैं। यदि कोई तीखा दांत लंबे समय तक जीभ या गाल से घर्षण करता रहे या चुभता रहे, तो यह आगे चलकर कैंसर का कारण बन सकता है। यानी इसकी पूरी जांच और उपचार कराना बेहद ज़रूरी है।
-कुछ बीमारियां भी मुंह में छाले पैदा कर सकती हैं, जैसे हर्पीज संक्रमण या बड़ी आंत की सूजन। इसके अलावा ये छाले वंशानुगत भी हो सकते हैं और रोगों से लड़ने की क्षमता में कमी की वजह से भी हो सकते हैं।
इस तरह करें उपचार
-माउथ अल्सर के मरीजों को खाने में विटामिन-सी का प्रयोग करना चाहिए। इसके लिए आप रोजाना दो-तीन गिलास संतरे का जूस पियें। आप टमाटर से भी विटामिन-सी प्राप्त कर सकते हैं।
-जितना हो सके, ज्यादा मसालेदार और तले-भुने खाद्य पदार्थों से परहेज करें।
-छाले होने पर ज्यादा से ज्यादा फलों का सेवन करें। साथ ही भरपूर मात्रा में पानी पीने से ही इस समस्या का निराकरण होता है। इसलिए खूब पानी पियें। दिन में दो से तीन बार गर्म पानी से गरारे करें।।
-छालों की जलन कम करने के लिए ग्लिसरीन में हल्दी का पाउडर मिलाकर अल्सर वाली जगह पर मालिश करें।