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भोपाल

बाघों के संरक्षण के लिए जरूरी है टाइगर कॉरिडोर, इन क्षेत्रों में हैं संभावनाएं

international tiger day: बाघों को संरक्षित करने के लिए तेजी से उठाने होंगे कदम, छिंदवाड़ा, बैतूल और पचमढ़ी में ज्यादा संभावनाएं

भोपालJul 28, 2021 / 06:07 pm

Manish Gite

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टाइगर स्टेट है मध्यप्रदेश, यहां देश में सबसे अधिक हैं बाघ।

भोपाल। मध्यप्रदेश में एक दशक से ज्यादा समय से टाइगर कॉरिडोर (वह मार्ग जिससे बाघ एक रिजर्व से दूसरे रिजर्व तक मूवमेंट करते हैं) चिन्हित कर जंगलों के विस्तार के साथ बाघों के लिए अनुकूल माहौल बनाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए विस्तृत कार्ययजना बनाने के बाद भी जिम्मेदार अफसर ठोस प्रयास नहीं कर पा रहे हैं।

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इसे लेकर पूर्व चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन नरेंद्र कुमार कहते हैं कि प्रदेश में बाघों की बढ़ती आबादी के लिहाज से सामान्य वन क्षेत्रों को वन्प्राणी क्षेत्र बनाने की जरूरत है। इनमें छिंदवाड़ा पचमढ़ी और नरसिंहपुर के बीच का वन क्षेत्र लिया जा सकता है। साथ ही बैतूल का सामान्य वन क्षेत्र और उमरिया के घुनघुटी से अमरकंटक तक फैला सामान्य वन क्षेत्र भी वन्य प्राणियों के लिए संरक्षित किया जा सकता है।

 

 

दशकों लगेंगे

पन्ना की बात करें तो यहां बाघों के लैड स्कैप में पलायन की आशंका बढ़ी है। लैंड स्कैप के जंगलों में बाघों को कोर की तरह सुरक्षा व्यवसथा दिलाने लैंड स्कैप मैनेजमेंट एनटीसीए की प्लानिंग में ही है। अभी तक यह कागजों में ही नहीं उतरा। धरातर पर उतरने में लंबा वक्त लग सकता है।

3 साल में 80 की मौत

वन मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते तीन सालों में मध्यप्रदेश में देश में सबसे ज्यादा 80 बाघों की अलग-अलग कारणों से मौत हुई। इनमें से आधे से ज्यदा बागों ने टेरिटोरियल फाइट में अपनी जान गंवाई।

एक नजर

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देखी है कभी इतनी मासूमियत!

मैं हू सिम्बा, मुफासा का बेटा…। फिल्म द लाइन किंग का यह डायलाग इस तस्वीर पर फिट बैठता है। मां के आंचल में छिपे इस नन्हें शावक की अदा मनमोह रही है लगता है कि मानं उसकी मां कह रही है कि मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं और हमेशा ही रहूंगी। बस याद रखना कि तुम कौन हो…। एक सच्चा राजा। (पत्रिका को यह फोटो आइएफएस संजय शुक्ला ने उपलब्ध कराया है. वे अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक हैं)

 

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