कलियासोत नदी के किनारे होते हुए भोज विश्वविद्यालय परिसर ( bhoj university campus ) के भीतर तक बाघ का मूवमेंट होने से दहशत का माहौल है। बताया जा रहा है कि यह बाघ इस क्षेत्र में नया है। इससे पहले कलियासोत डैम और केरवा डैम के बीच स्थित जंगल में तीन बाघ होने के संकेत कई बार मिले हैं।
यह भोज विश्वविद्यालय परिसर चूना भट्टी के पास स्थित कोलार रोड पर है। जिसके पीछे कलियासोत डैम लगा हुआ है। संभवतः यह बाघ केरवा के जंगलों से होते हुए यहां तक आ गया होगा। कुलपति के बंगले के बाहर दलान में बाघ के पगमार्क मिले हैं।
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यहां भी दहशत
कलियासोत डैम के आसपास कई आवासीय परिसर हैं, जहां पर भी दहत का माहौल है। अमरनाथ कालोनी, भोज विश्वविद्यालय, चूनाभट्टी क्षेत्र समेत करीब एक दर्जन कॉलोनियों के रहवासी दहशत में हैं।
अक्सर रहवासी इलाकों तक पहुंच जाते हैं बाघ
रातापानी अभ्यारण से भोपाल का केरवा डैम और कलियासोत का जंगल लगा हुआ है। अक्सर बाघ अभ्यारण से होते हुए केरवा डैम तक पहुंच जाते हैं। पिछले कुछ सालों से तीन बाघों ने इसी स्थान को अपना क्षेत्र बना लिया है। यही कारण है कि शिकार की तलाश में बाघ अक्सर रहवासी इलाकों तक पहुंच जाते हैं। 2012 से लेकर अब तक बाघ कई बार शाहपुरा क्षेत्र, कोलार रोड तक सड़कों पर आ चुके हैं।
बंद थे सीसीटीवी कैमरे
कुलपति जयंत सोनवलकर के मुताबिक हम शहर से बाहर गए थे। चौकीदार ने घर के सीसीटीवी कैमरे बद कर दिए थे। इस वजह से वह कैमरे में कैद नहीं हो पाया। जब हम घर वापस आए तो पगमार्क दिखाई दिये, जो अजीब से थे। वन विभाग को भी सूचना दी तो उनकी जांच में बाघ के ही पगमार्क होने की पुष्टि हो गई। इसके बाद हमने यूनिवर्सिटी परिसर में रह रहे कर्मचारियों के परिवार को और बाहर से आने वाले छात्रों को भी अलर्ट कर दिया है।