कुत्तों से इस तरह फैलती है बीमारी
केनाइन डिस्टेंपर वायरस कुत्तों के संपर्क में आने से फैलता है। बाघ एक बार में अपना पूरा शिकार नहीं खाते हैं। ऐसे में उसके शिकार का कुछ मांस कुत्ते भी खाते हैं और जब दूसरी बार बाघ इसे खाते हैं तो यह वायरस बाघों में पहुंच जाता है। ये वायरस श्वसन तंत्र, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र और आंखों में गंभीर संक्रमण कर देता है, जिससे इन वन्यप्राणियों की मौत हो जाती है। यह वायरस अन्य मांसाहारी जानवरों को भी प्रभावित करता है। इसीलिए इसके प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
केनाइन डिस्टेंपर वायरस कुत्तों के संपर्क में आने से फैलता है। बाघ एक बार में अपना पूरा शिकार नहीं खाते हैं। ऐसे में उसके शिकार का कुछ मांस कुत्ते भी खाते हैं और जब दूसरी बार बाघ इसे खाते हैं तो यह वायरस बाघों में पहुंच जाता है। ये वायरस श्वसन तंत्र, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र और आंखों में गंभीर संक्रमण कर देता है, जिससे इन वन्यप्राणियों की मौत हो जाती है। यह वायरस अन्य मांसाहारी जानवरों को भी प्रभावित करता है। इसीलिए इसके प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
केनाइन डिस्टेंपर वायरस के संबंध में सभी नेशनल पार्कों, सेंचुरी और संरक्षित क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया गया है। वन अफसरों को एहतियात बरतने के लिए कहा गया है।
उमंग सिंघार, वन मंत्री
उमंग सिंघार, वन मंत्री