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भोपाल

बाजार में महंगे प्याज और टमाटर ने बिगाड़ा थाली का स्वाद, नहीं आ रहा जायका

ग्राहक कल तक सब्जियां किलो में खरीदा करते थे वे अब टमाटर, आलू, प्याज, गोभी, बैंगन, परवल और अन्य सब्जियां पावभर ही खरीद रहे हैं।

भोपालNov 06, 2017 / 01:05 pm

दीपेश तिवारी

sabji
भोपाल। सब्जियों के दाम पिछले दिनों अचानक आसमान पर पहुंचने के बाद अब कुछ नीचे आने से लोगों ने राहत की सांस तो ली है, लेकिन प्याज और टमाटर अभी भी आंसू निकाल रहे हैं दोनों के दाम कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं, वहीं कुछ सब्जियां भी सस्ती होने का नाम नहीं ले रही हैं, जिससे थाली का स्वाद बिगड़ गया है।
वहीं सब्जी व्यापारियों का कहना है कि जो प्याज आज 50 रु किलो है वो जल्द ही 100 तक जा सकता है, वहीं प्याज की आवक कम होने से दाम पुन: बढ़ गए हैं। अभी टमाटर भी 50 रु किलो बिक रहा है वहीं सर्दी की दस्तक के साथ मंडी में हरी सब्जियों की आवक भी शुरू हो गयी है।
दरअसल पिछले दिनों काफी नीचे रेट पर टमाटरों के आने के बाद एक बार फिर इनके दामों में वृद्धि देखी जा रही है। मंडी में टमाटर के दाम बढ़ने के साथ ही रिटेल बाजार में भी टमाटर के रेट में वृद्धि हो गई है। जिसके चलते थाली का स्वाद बिगड़ गया है।
यही स्थिति कई अन्य सब्जियों की भी है। महंगाई नहीं थमने और लगातार दामों में हो रही बढौतरी ने आम आदमी के भोजन का जायका गड़बड़ा दिया है।

लोगों का कहना है कि चाहे सब्जी की कीमत हो, खाद्यान्न की या अन्य जरूरत की चीज ही सभी के रेट में बढौतरी के चलते महंगाई ने परेशान कर रखा है। निम्न वर्ग तो दूर, मध्यम वर्ग व हर नौकरीपेशा व्यक्ति भी इस लगातार बढ़ रही महंगाई की चपेट में हैं। लोगों का कहना है कि महंगाई के चलते थाली से पहले ही पौष्टिक चीजें दूर हो गयी हैं, अब तो सामान्य भोजन भी थाली से दूर होता दिख रहा है।

हर हाट में होती है अलग-अलग कीमत: शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग अलग दिन लगने वाली हाटों ने भी सब्जियों के दामों को प्रभावित किया है। यहां लोगों की माने तो हर हाट में सब्जियों के दाम भी अलग अलग देखने को मिल जाते हैं।
कम कर रहे खरीदी : सब्जी कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि इन दिनों सर्दियों की शुरूआत के चलते बाजार में नई नई सब्जियां आ गईं हैं, जिसके चलते बाजार विभिन्न तरह की सब्जियों से अटा पड़ा है। वहीं दुकानदार भी उम्मीद लगाये बैठे रहते हैं, लेकिन जब ग्राहक सब्जी खरीदने पहुंचते हैं तो दुकानदारों की उम्मीदों पर पानी फिर जाता है। जो ग्राहक कल तक सब्जियां किलो में खरीदा करते थे वे अब टमाटर, आलू, प्याज, गोभी, बैंगन, परवल और अन्य सब्जियां पावभर ही खरीद रहे हैं। इसके पीछे यह कारण बताया जाता है कि सब्जी की कीमत रसोई की बजट पर भारी पड़ रही है।

हमारे पांच बच्चे हैं। पहले घर का खर्च व बच्चों की पढ़ाई 16 हजार रुपये में हो जाती थी। अब 20 हजार रुपये में भी पूरा नहीं हो पाता। सब्जी, गैस से लेकर हर चीज के भाव बढ़ गये। बचत तो दूर बजट तक गड़बड़ा गया है।
– वंदना कुमारी, गृहिणी
हम यहां घर से दूर रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। पहले घर में खाना बनाने पर 1500 से 2000 में खर्चा चल जाता था, पर अब तो 2500 भी कम पड़ रहा है।
– अजय शर्मा, छात्र
पहले चाय दुकान चलाने में मुनाफा दिखता था। अब दूध, चीनी व चाय पत्ती की कीमत बढ़ गयी है। 32 वाला चीनी 42 रुपये किलो, 250 रुपये का चाय पत्ती 350 रुपये व दूध 40 से 50-60 रुपये किलो हो गया। चाय का दाम बढ़ाने पर ग्राहक घटने का डर सता रहा है।
– मयंक जैन, चाय वाला
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