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भोपाल

नामीबिया से आने वाले दो चीते, दोनों सगे भाई, जानिए कुछ रोचक जानकारियां

जुलाई 2021 से नामीबिया के ओटजीवारोंगो के पास सीसीएफ के 58,000 हेक्टेयर के निजी रिजर्व में जंगल में रह रहे हैं।

भोपालSep 15, 2022 / 05:38 pm

shailendra tiwari

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two brother cheetah

भोपाल। मध्यप्रदेश में चीतों के स्वागत की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। 17 सितंबर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर चीतों को मध्यप्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में तैयार किए गए बाड़ों में छोड़ा जाएगा। देशवासियों को कुनो में आने वाले इन चीतों के आने का बेसब्री से इंतजार है। इस बीच लोगों के लिए यह जानकारी भी दिलचस्प है कि कुनो आने वाले इन चीतों में 2 सगे भाई हैं। हर समय साथ-साथ ये सगे भाई जुलाई 2021 से नामीबिया के ओटजीवारोंगो के पास सीसीएफ के 58,000 हेक्टेयर के निजी रिजर्व में जंगल में रह रहे हैं।

हर समय साथ-साथ

ये सगे भाई जुलाई 2021 से नामीबिया के ओटजीवारोंगो के पास सीसीएफ के 58,000 हेक्टेयर के निजी रिजर्व में जंगल में रह रहे हैं। इन सगे भाइयों की खास बात यह है कि यह हर समय एक दूसरे के साथ रहते हैं। एक साथ खेलते हुए ही समय बिताते हैं। एक साथ शिकार करते हुए भी इन्हें देखना आम है।

5 साल 6 महीने है उम्र

कुनो आने वाले इन सगे भाइयों की उम्र जहां 5 साल 6 महीने है। वहीं एक नर चीते की उम्र 4 साल 6 महीने। वहीं दो साल की फीमेल चीता दक्षिण-पूर्वी नामीबिया में गोबाबिस शहर के पास एक जलकुंड में अपने भाई के साथ मिली। दोनों बहुत दुबले-पतले और कुपोषित हैं। सीसीएफ का मानना है कि उनकी मां की कुछ हफ्ते पहले ही मृत्यु हो गई थी। यह चीता सितंबर 2020 से सीसीएफ सेंटर में रह रहा है। एक अन्य चीता फीमेल जिसकी उम्र 3-4 वर्ष है। यह 22 जुलाई को सीसीएफ के पड़ोसी फार्म पर एक पिंजरे में कैद जंगली मादा है। इसका स्वामित्व नामीबिया के एक प्रमुख व्यवसायी के पास है। उसे सीसीएफ की संपत्ति पर छोड़ दिया गया था, लेकिन दो महीने बाद फिर से उसी पड़ोसी खेत में पकड़ा गया। एक और चीता फीमेल 2 साल 6 महीने की है।

ये भी है रोचक
– इन चीतो को नामीबिया से विशेष कार्गोजेट विमान से लाया जाएगा।
– इन चीतों को ऐतिहासिक अंतरमहाद्वीपीय मिशन हिस्टॉरिक ट्रांसकॉन्टिनेंटल मिशन के तहत लाया जा रहा है।
– आपको बता दें कि वर्ष वर्ष 1952 में भारत में चीता विलुप्त घोषित किया गया था।
– वर्ष 2009 में चीता पुनस्र्थापना के लिए केन्द्र और राज्य सरकार के साथ अंतर्राष्ट्रीय चीता विशेषज्ञों की चर्चा हुई।
– वर्ष 2010 में भारतीय वन्य जीव संस्थान (वाईल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट) ने भारत में चीता पुनस्र्थापना के लिए संभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया।
-इनमें 10 स्थलों में कूनो अभ्यारण्य जो वर्तमान में कूनो राष्ट्रीय उद्यान है, सर्वाधिक उपयुक्त पाया गया।
– कूनो राष्ट्रीय उद्यान के 750 वर्ग किलोमीटर में लगभग दो दर्जन चीतों के रहवास के लिए उपयुक्त है।
– इसके अतिरिक्त करीब 3 हजार वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र दो जिलों श्योपुर और शिवपुरी में चीतों विचरण के लिए उपयुक्त हैं।

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