सांची स्तूप परिसर में विश्व धरोहर दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण मंदिर सर्वेक्षण परियोजना के निदेशक डॉ.भुवन विक्रम थे. विशिष्ट अतिथि के रूप में सेवा निवृत्त उप अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉ.मेनुअल जोसेफ मौजूद रहे। विश्व धरोहर दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में भारत की प्राचीन धरोहरों की जानकारी दी गई. इस अवसर पर फोटो प्रदर्शनी भी लगाई गई।
इधर रवींद्र भवन सभागार में परिसंवाद को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री विदेश मामले तथा संस्कृति सुश्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अमृत काल में भारत को विश्व गुरु के रूप में स्थापित करने का स्वर्णिम अवसर है। इस उद्देश्य की प्राप्त करने के लिए युवाओं को भारत के स्वर्णिम इतिहास से परिचय किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विश्व में महिलाओं को समानता का अधिकार देने की बात होती है लेकिन भारतीय संस्कृति में शुरु से ही महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही है।
इस अवसर पर संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर भारतीय इतिहास और संस्कृति के संचार से ही भावी पीढ़ी में सद्गुणों और संस्कारों का विकास होगा। उन्होंने वैदिक जीवन पद्धति को अपनाने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि हिंदू जीवन पद्धति विश्व की सर्वश्रेष्ठ पद्धति है। यह वैज्ञानिक कसौटी पर भी खरा उतरती है।
प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक जे. नंद कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पहली बार भारत का सही चित्रण विश्व पटल पर हुआ है। भारत और मध्यप्रदेश अब ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए विश्व में पहचाना जाएगा।