बैंक-टू-बैंक ट्रांजैक्शन रहेंगे फ्री
एनपीसीआइ ने कहा कि यूपीआइ पेमेंट किए जाने पर बैंक या कस्टमर किसी को भी कोई चार्ज नहीं देना होगा। साथ ही एक बैंक से दूसरे बैंक में यूपीआइ ट्रांजैक्शन किए जाने पर भी कोई शुल्क नहीं देना होगा। एनपीसीआइ ने कहा, रेगुुलेटरी गाइडलाइंस के मुताबिक पीपीआइ अब इंटरऑपरेबल यूपीआइ इकोसिस्टम का हिस्सा है। इसे देखते हुए एनपीसीआइ ने पीपीआइ वॉलेट्स को इंटरऑपरेबल यूपीआइ इकोसिस्टम का हिस्सा बनने की इजाजत दी है।
क्या है इंटरचेंजफीस
1.1% इंटरचेंज चार्ज केवल पीपीआइ मर्चेंट ट्रांजैक्शन के लिए लागू होंगे। इंटरचेंज फीस वह है जो रिसीवर बैंक या पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर मर्चेंट से लेता है। यह ट्रांजैक्शन को एक्सेप्ट करने, प्रोसेस करने और ऑथोराइज करने की कॉस्ट को कवर करने के लिए लगाया गया है। इससे पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर और बैंक का राजस्व बढ़ेगा।
क्या है पीपीआइ, कौन करते हैं इस्तेमाल
पीपीआइ एक ऐसा वित्तीय उपकरण है, जिसमें आप पहले से पैसे डालकर भविष्य में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इस स्टोर किए गए पैसे से वस्तु और सेवाएं खरीदी जा सकती हैं। पीपीआइ से दोस्त या रिश्तेदार आदि को पैसे भी भेजे जा सकते हैं। पीपीआइ को कार्ड और मोबाइल वॉलेट के रूप में जारी किया जा सकता है। पेमेंट वॉलेट की सुविधा मुहैया कराने वाली कंपनियां जैसे पेटीएम, फोनपे और गूगल पे पीपीआइ से जुड़ी सेवाएं मुहैया कराती हैं।
किन पर पड़ेगा असर
पीपीआइ के जरिए मर्चेंट ट्रांजैक्शन पर यह चार्ज लगेगा। मान लीजिए यदि कोई यूजर 2,000 रुपए से ज्यादा की राशि के लिए अपने पेटीएम वॉलेट को लोड करने के लिए यूपीआइ का इस्तेमाल करता है। इस केस में पीपीआइ इश्यूअर पेटीएम को यूजर के बैंक को वैलेट-लोडिंग सर्विस चार्ज के रूप में फीस देनी होगी।