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भोपाल

टारगेट के लिए मृतकों का भी वैक्सीनेशन, कई परिजनों को मिल रहे दूसरे डोज के मैसेज

मौत के 7 माह बाद मैसेज आया, आपका सेकंड डोज सफलता पूर्वक लग गया

भोपालNov 25, 2021 / 09:28 am

Manish Gite

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भोपाल. कोरोना के बचाव को लेकर लगाई जा रही वैक्सीन में इन दिनों काफी फर्जीवाड़ा चल रहा है। टारगेट पूरा करने के लिए मृतकों को भी टीका लगा दिया जाता है। ग्वालियर में बुधवार को फिर एक मामला सामने आया है। इसमें मुरार गंज में रहने वाली 68 वर्षीय बुजुर्ग महिला की मौत 27 अप्रेल को हो चुकी है, जबकि महिला ने अपना पहला वैक्सीन 4 अप्रेल को लगवाया था। लेकिन महिला की मौत होने के सात महीने बाद 24 नवंबर को महिला के बेटे के मोबाइल पर मैसेज सफलता पूर्वक वैक्सीन का आया। इस मैसेज को देखकर महिला के बेटा और परिवार के लोग परेशान हैं कि किस तरह से स्वास्थ्य विभाग फर्जी तरीके से मैसेज भेज रहे हैं। महिला के बेटे मुरार निवासी योगेश अग्रवाल ने बताया कि हमारी मां की सात महीने पहले ही मौत हो चुकी है। और अब मुरार जिला अस्पताल से हमारे पास यह मैसेज आया है। इस तरह के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं।

 

जागरूकता के लिए नहीं भेज रहे मैसेज

कोरोना के बचाव को लेकर लगाए जा रहे डोज में जहां स्वास्थ्य विभाग घर-घर जाकर वैक्सीन लगाने पर विशेष जोर दे रहा है। वहीं जिन लोंगों की दूसरी वैक्सीन का समय आ गया है, उन लोगों को जागरु कता के लिए मैसेज तक नहीं भेज रहा है। जबकि एक महीने पहले तक कई लोगों को काफी मैसेज आ चुके हैं। इस मैसेज से लोगों को यह पता होता था कि कब उन्हें दूसरा डोज लगवाना है, लेकिन अब स्वास्थ्य विभाग मैसेज छोडक़र कुछ क्षेत्रों में सिर्फ घर-घर जाकर वैक्सीनेशन के बारे में पूछ रहे हैं। जबकि अब इस महीने विशेष अभियान भी शुरू हो गया है, इसके तहत पहला डोज जल्द से जल्द लगवाया जाए। अगर समय पर लोगों को मैसेज पहुंच जाएं तो वैक्सीनेशन का काम कुछ हद तक पूरा हो सकता है।

 

 

विशेष अभियान में 28777 को लगी वैक्सीन

इस महीने विशेष अभियान वैक्सीन को लेकर चलाया जा रहा है। इसमें बुधवार को स्वास्थ्य विभाग ने 58000 लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन पूरे दिन में सेंटरों पर सिर्फ 28777 लोगों को ही वैक्सीन लग सकी। इस अभियान को लेकर 302 स्थानों पर वैक्सीनेशन किया गया। जिसमें मोबाइल वेन के साथ घर- घर जाकर वैक्सीन लगाई गई। वहीं अब गुरुवार को 375 सेंटरों पर वैक्सीन कराई जाएगी।

 

इनका कहना है

ऐसी गलती कम ही होती है। अगर कोई गलती हुई है तो उसको दिखवा लेंगे।

डॉ. आरके गुप्ता, टीकाकरण अधिकारी

 

 

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शिवचरण के साथ भी ऐसा ही हुआ था

ऐसा ही एक मामला थोड़े दिन पहले ग्वालियर के भितरवार में सामने आया था। शिवचरण पाठक की मौत हो गई थी। इसके बाद 17 नवंबर को उनके पिता को दूसरा डोज लगने का मैसेज आया। उस समय भी चर्चा का विषय रहा कि 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन का टारगेट पूरा करने के लिए मृतकों का टीकाकरण कर दिया गया। शिवचरण पाठक के बेटे विनोद पाठक खुद स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारी हैं। उन्हें 17 नवंबर को उस समय बड़ा झटका लगा जब उनके मोबाइल पर पिता को वैक्सीन का डोज दिए जाने का मैसेज मिला था। जबकि शिवचरण की मौत का डेथ सर्टिफिकेट भी बन चुका था। विनोद पाठक जब सेंटर पहुंचे तो तथित तौर पर उनके पिता को दूसरा डोज दिए जाने की जानकारी मिली। सूत्रों के मुताबिक उस समय भी टारगेट पूरा करने के लिए इस प्रकार की धांधली सामने आई थी। उस समय भी स्वास्थ्य अधिकारियों ने जांच की बात कही थी।

 

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बैतूल में भी मृतक महिला को लगा दूसरा डोज

बैतूल में भी पिछले सप्ताह ऐसा ही मामला सामने आया। सदर इलाके के पटेल वार्ड में रहने वाली बुजुर्ग महिला की मौत कोरोना की दूसरी लहर में हो गई थी। तीन अप्रैल को कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लगा था। 26 अप्रैल को बुजुर्ग महिला की तबीयत बिगड़ी फिर उनकी कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आई। हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया जहां 27 अप्रैल 2021 को मौत हो गई। पिछले सप्ताह ही मृतक महिला के पोते के मोबाइल पर मैसेज आया कि दादी को कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज सफलतापूर्वक लगा दिया है। जब कोविन एप पर चेक किया तो पता चला कि प्रमाण पत्र भी जनरेट हो गया। इसके मुताबिक 10 नवंबर को प्राइमरी स्कूल रामनगर में सेकंड डोज लगाया गया और दूसरा डोज लगाने वाले कर्मचारी का नाम वंदना झरबड़े अंकित था। उस समय भी अधिकारियों ने जांच शुरू की थी।

 

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