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हनुमान जी की मूर्ति से इस तरह से कर सकते हैं अपने घर का वास्तुदोष दूर, जानें कैसे?

हनुमान जी की मूर्ति से इस तरह से कर सकते हैं अपने घर का वास्तुदोष दूर, जानें कैसे?

भोपालJul 12, 2018 / 04:38 pm

Faiz

hanuman jii

हनुमान जी की मूर्ति से इस तरह से कर सकते हैं अपने घर का वास्तुदोष दूर, जानें कैसे?

भोपालः हिन्दू धर्म में हनुमान जी को बाल ब्रह्मचारी माना जाता है। इन्हें संकटमोचन, बाल ब्रह्मचारी, पवन पुत्र, आदि नामों से भी लोग जानते हैं। मंगलवार और शनिवार को इनकी पूजा की जाती है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, अगर भक्त उनकी सच्चे मन से पूजा करे, तो उनके जीवन में कभी कोई कष्ट नहीं आता। बजरंगबली इतने सरल व्यवहार के हैं कि वह अपने मानने वाले हर भक्त की इच्छा पूरी कर देते हैं। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार कलयुग में हनुमान जी ही अपने भक्तों की पुकार सबसे पहले सुनते हैं। मान्यता है कि, जब माता सीता ने हनुमान जी से प्रसन्न होकर उन्हें अमरता का वरदान दिया था, तभी से हनुमान जी अब तक किसी ना किसी रूप में अमर हैं। समय-समय पर हनुमान जी के जीवित होने के प्रमाण भी सामने आते रहते हैं। हनुमान जी की पूजा करने वालों पर कभी कोई बुरा साया भी हावी नहीं हो पाता।

वास्तुशास्त्र के अनुसार में दक्षिण दिशा को अशुभ दिशा माना जाता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा के स्वामी कोई और नहीं बल्कि मृत्यु के देवता यमराज हैं। इस दिशा को संकट का द्वार भी कहा जाता है। अक्सर आपने देखा होगा कि लोग जब भी घर खरीदते हैं या बनवाते हैं तो इस बात का खासतौर पर ध्यान रखते हैं कि घर के मुख्य दरवाजे की दिशा किसी भी तरफ हो लेकिन दक्षिण की तरफ नहीं हो। वास्तुशास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा की तरफ पैर करके सोने और मुंह करके बैठने से व्यक्ति के आस-पास हमेशा नकारात्मक शक्तियां रहती हैं। इसका एक वैज्ञानिक कारण भी है। पृथ्वी गुरुत्वाकर्षण बल के ऊपर टिकी हुई है। पृथ्वी अपनी धुरी पर लगातार घूमती रहती है। इसकी धुरीके दो छोर उत्तर और दक्षिण हैं। यह चुम्बकीय क्षेत्र होता है। इसलिए जब भी कोई व्यक्ति दक्षिण दिशा की तरफ पैर करके सोता है तो धधुरी के चुम्बकीय प्रभाव से शरीर का रक्तप्रवाह बाधित होता है। इससे कई तरह के शारीरिक विकार उत्पन्न हो जाते हैं।

वास्तुशात्र के अनुसार घर का मुख्य दरवाजा कभी भी दक्षिण दिशा की तरफ नहीं होना चाहिए। अगर आपके घर का दरवाजा दक्षिण दिशा की तरफ है तो घर के मुख्य दरवाजे के सामने एक बड़ा सा शीशा इस तरह से लगायें कि जो भी व्यक्ति घर में घुसे उसका उसका पूरा प्रतिबिम्ब शीशे में बने। ऐसा करने से घर में प्रवेश करने वाले व्यक्ति के साथ आने वाली नकारात्मक उर्जा शीशे के प्रभाव से पलटकर वापस चली जाती है। इसके साथ ही द्वार के ठीक सामने आशीर्वाद मुद्रा में बैठे हुए हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर लगाने से घर का वास्तुदोष भी दूर हो जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि दक्षिण दिशा में सोने से फेफड़े की गति धीमी हो जाती है। यही वजह है कि मरने के बाद व्यक्ति का पैर दक्षिण दिशा की तरफ कर दिया जाता है, ताकि उसके शरीर में अगर प्राण बचा हो तो वह जल्दी से निकल जाये। इसके साथ ही अगर घर की तिजोरी दक्षिण दिशा में है तो तिजोरी की दिशा तुरंत बदल लें, वरना धन की हानि हो सकती है।

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