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भोपाल

विधानसभा उपचुनावः 16 लाख प्रवासी श्रमिकों को साधेगा श्रमिक आयोग ?

मध्य प्रदेश श्रमिक आयोग गठन के आदेश जारी

भोपालJun 27, 2020 / 09:54 am

Hitendra Sharma

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भोपाल। मध्य प्रदेश में 16 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर लौटे हैं, जिनके लिए श्रमिक आयोग का गठन किया गया है। ये श्रमिक भाजपा सरकार के लिए बड़ा वोट बैंक हैं, इस कारण सरकार इन्हें गंभीरता से ले रही है। प्रदेश में आगामी समय में 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। इनमें ग्वालियर-चंबल की सीटों पर बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर हैं। इस कारण सियासी दृष्टि से भी प्रवासी मजदूर भाजपा सरकार के लिए महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश राज्य प्रवासी श्रमिक आयोग का गठन करने का ऐलान किया था। शुक्रवार को सरकार ने इसके आदेश जारी कर दिए।

श्रम विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने आयोग गठन के आदेश दिए हैं। यह आयोग प्रवासी मजदूरों के कल्याण, रोजगार, उनके कौशल विकास और राज्य की योजनाओं में उन्हें हित दिलाने के लिए काम करेगा। आयोग में अध्यक्ष के पद पर प्रवासी मजदूरों के कल्याण के लिए न्यूनतम 10 साल काम करने वाला कोई भी व्यक्ति पात्र होगा। आयोग की अवधि 2 वर्ष होगी। इसमें सचिव स्तर का सेवानिवृत्त अधिकारी भी पात्र होगा। इसके अलावा आयोग के 2 सदस्य होंगे, जो प्रवासी मजदूरों के लिए न्यूनतम 5 साल से काम करने वाले व्यक्ति हो सकते हैं।

किसानों को भी राहत

मध्य प्रदेश में किसान भी चुनाव में बड़ा वोट बैंक है और सरकार उसे भी साधना चाहती है इसीलिये किसी भी कीमत पर किसानों राहत देने के निर्देश दिये गये हैं। कृषि मंत्री कमल पटेल ने गेंहू के बाद अब शत प्रतिशत उपार्जन तक चने की खरीद जारी रखे जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रदेश के सर्वाधिक चना उत्पादन करने वाले पंद्रह जिलों की समीक्षा करते हुए कहा कि अभी कई जिलों में चना उपार्जन लक्ष्य से काफी कम है। अत: उपार्जन के कार्य में तेजी लाते हुए सम्पूर्ण उपार्जन तक खरीदी कार्य जारी रखा जाये।
मंत्री कमल पटेल ने कहा कि पोर्टल चालू रखते हुए किसानों को एसएमएस भेजे जायें, जिससे पंजीकृत किसान अपनी चने की उपज को मंडी आकर बेच सकें। उन्होंने बरसात के मौसम को देखते हुए खरीदी का कार्य मंडियों के शेड में एवं पूर्व से निर्धारित वेयर हाउस में ही करने के निर्देश भी दिए हैं।
समीक्षा बैठक में विदिशा, दमोह, नरसिंहपुर, छतरपुर, राजगढ और पन्ना में पचास प्रतिशत से कम चना उपार्जन पर मंत्री श्री पटेल ने अप्रसन्नता व्यक्त की। बैठक में बताया गया कि अब तक अशोकनगर में 95 प्रतिशत से अधिक चना उपार्जन हो चुका है। देवास और शिवपुरी में 80 प्रतिशत, हरदा, सीहोर में 70 प्रतिशत, सागर, मंदसौर में 60 प्रतिशत से अधिक चने का उपार्जन किया जा चुका है।

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