scriptइन्हें सालभर का राशन देता है रावण, इसलिए पूज्यनीय है लंकेश | vijayadashmi 2019 ravan making story in bhopal | Patrika News
भोपाल

इन्हें सालभर का राशन देता है रावण, इसलिए पूज्यनीय है लंकेश

सभी के लिए रावण बुराई का प्रतीक है, तो चंद परिवार है जिनके लिए रावण पूज्यनीय भी है,क्योंकि रावण इन परिवारों के लिए सालभर के राशन की व्यवस्था कर जाता है। mp.patrika.com की एक रिपोर्ट…।

भोपालOct 08, 2019 / 02:41 pm

Ashtha Awasthi

भोपाल। दशहरा या विजयदशमी हिन्‍दुओं का प्रमुख त्‍योहार है। ऐसी मान्‍यता है कि भगवान श्री राम ने दशमी के दिन 10 सिर वाले अधर्मी रावण को मार गिराया था। इतना ही नहीं इसी दिन मां दुर्गा ने महिषासुर नाम के दानव का वध कर उसके आतंक से देवताओं को मुक्‍त किया था। आज का दिन बुराई पर अच्‍छाई की विजय का प्रतीक है। कुछ परिवार इस प्रतीक को जलाकर खुशी मनाते हैं, वहीं कुछ परिवार ऐसे भी हैं जिनके लिए यह पूज्यनीय भी है। वे खुद रावण बनाते भी हैं और दूसरों को जलाने के लिए बेच देते हैं। जी हां, यह रावण कई परिवारों का पेट भी पालता है। यह रावण सालभर में एक बार जलाया जाता है, लेकिन कुछ परिवारों के लिए सालभर के राशन की व्यवस्था कर देता है।

ravan-541c81a85a80e_exlst.jpg

मांग लेते हैं माफी

दशहरे पर पूरी दुनिया में बुराई के प्रतीक रावण का दहन किया जाता है, तब यही परिवार रावण से माफी मांग रहे होते हैं। यह रावण के पुतले बनाकर बेचने का काम करते हैं। रावण बिकने के बाद दशहरे पर ही इनकी दिवाली भी मन जाती है। राजधानी में रावण बनाकर परिवार का पेट पालने वालों ने बताई पत्रिका को अपने मन की बात…।

 

heads-of-the-raavan-kumbhkaran-meghnath.jpg
भोपाल की लिंक रोड नंबर दो पर स्थित है अर्जुन नगर। यहां पर आधा दर्जन से अधिक दुकानें हैं, जो रावण बनाने का काम होता है। सालदर साल यह दुकानें भी बढ़ती जा रही है। यहां पर कई परिवार रावण मेकिंग का काम कर रहे हैं।
हुकुम पाल नामक एक कलाकार ने बताया कि वे कई सालों से रावण बना रहे हैं। कई लोग समय कम होने के कारण रेडिमेड रावण के पुतले खरीदते हैं। पिछले साल पांच सौ से 80 हजार रुपए तक के रावण बनाए जाते थे, लेकिन इस साल एक हजार रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक के रावण बनाए जा रहे हैं।
858ee3dd-4bc3-484e-90dc-931860f96b61.jpg

हुकुम पाल के साथ काम कर रहे गोरेलाल वंशकार ने बताया कि दशहरे के दौरान 50 से 60 पुतले बिक जाते हैं। गोरेलाल वंशकार ने यह भी बताया है कि हमारे घर सालभर का राशन आ जाता है। यहां के सभी कलाकार चक्की चौराहे वाले ओमप्रकाश साहू को अपना गुरू मानते हैं। यह लोग कहते हैं कि महंगाई के कारण रावण का कद छोटा होता जा रहा है, लेकिन यह अच्छी बात है कि विजयी जश्न मनाने का जोश आज भी बरकरार है।

एक हजार से लेकर लाख रुपए है कीमत

गोरेलाल वंशकार के ही एक शिष्य बताते हैं कि कई लोग दूसरे शहरों से भोपाल में बस गए हैं। इसलिए अपनी कॉलोनी में ज्यादा जान-पहचान नहीं होती है। इसलिए खुद बनाने की बजाय वे खरीदकर ले जाना पसंद करते हैं। एक दशहरे के आसपास 50 से 60 छोटे-बड़े रावण बिकते हैं।

रावण से मांग लेते हैं माफी

अरेरा कॉलोनी से लगे बांसखेड़ी क्षेत्र में भी रावण बनाने की अनेक दुकानें हैं। इस बार यहां 11 परिवार रावण बेचने का काम कर रहे हैं। इनमें से कुछ तो अतिरिक्त कमाई के लिए यह धंधा कर रहे हैं। इनके साथ परिवार की महिलाएं भी साथ दे रही हैं। रावण बनाने का काम करने वाले लोग काफी गरीब हैं। वे कहते हैं कि हमारे भगवान तो यही है, क्योंकि कुछ महीने का राशन हमारे परिवार को मिल जाता है। इसलिए हमारी रोजी-रोटी चलती रहे, इसलिए रावण बेचने के वक्त हम माफी भी मांग लेते हैं। यहां पर राम निवास वंशकार भी इन्हीं लोगों में से हैं जो रावण को पूज्यनीय मानते हैं। इनके पास से भी 20-25 पुतले बिक जाते हैं। इसके अलावा वे सालभर बांस की बल्लियां बेचने का काम करते हैं।

8fd4462d-eb8c-42ab-b5f4-8d3ddb633212.jpg

राम-लक्ष्मण भी बनाते हैं रावण

राजधानी के इन स्थानों पर रावण निर्माण करने में एक खास संयोग है। यहां रावण निर्माण करने वाले लोगों के नामों में एक समानता है। एक का नाम रामनिवास है। किसी का राम बाबू, रामरतन, रामू, लक्ष्मण और लखन है। यह लोग मिलकर रावण का निर्माण करते हैं।

इन स्थानों पर बनता है रावण

भोपाल के लिंक रोड नंबर-2, सेकंड नं. बस स्टॉप और लिंक नंबर 3 पर, अन्ना नगर, अंबेडकर नगर,चक्की चौराहा, छोला दशहरा मैदान के पास, बांसखेड़ी, समेत करीब एक दर्जन स्थानों पर रावण के पुतले बनाए जा रहे हैं।

Home / Bhopal / इन्हें सालभर का राशन देता है रावण, इसलिए पूज्यनीय है लंकेश

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो