मध्यप्रदेश में करीब एक माह से बारिश का इंतजार कर रहे लोगों को अब थोड़ी राहत मिलने लगी है। भोपाल में बुधवार को सुबह से ही रिमझिम बारिश का दौर चल रहा है। इससे पहले जुलाई माह के शुरुआत से कई बार बादल छाए लेकिन बरसे नहीं। इस दौरान भोपाल में गर्मी और उमस से लोग बेहाल रहे। बुधवार को सुबह से हो रही हल्की बारिश के बाद मौसम में ठंडक हो गई है।
छतरपुर में भारी बारिश :-:
उधर, छतरपुर जिले से खबर है कि यहां भारी बारिश के बाद नजारा ही बदल गया। यहां के जटाशंकर धाम मंदिर की पहाड़ी से झरने फूट पड़े। मंदिर परिसर पर झरने का पानी बहने लगा। बिजावर क्षेत्र में बुधवार सुबह से ही बारिश का दौर जारी है। सुबह हुई तीन घंटे की लगातार तेज बारिश के बाद जटाशंकर धाम पहाड़ी पर से झरना बहने लगा। पहाड़ी पर स्थित गुफा, गोमुख, मंदिर चौक पर पानी ही पानी हो गया। मूसलाधार बारिश और बहते पानी को पार करने में भी लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था।
छतरपुर में कम बारिश :-:
छतरपुर, होशंगाबाद में अब तक के कोटे से 40 फीसदी कम बारिश हुई है। बालाघाट में 34 फीसदी कम, जबलपुर, सागर में कोटे से 35 फीसदी कम, टीकमगढ़ में कोटे से 39 फीसदी कम बारिश हुई है।
फसलों को नुकसान :-:
बैतूल जिले से खबर है कि यहां भारी बारिश से खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचने की खबर है। बुधवार को घोड़ाडोंगरी में मक्का और गन्ने की फसल तेज हवा में आड़ी हो गई। यहां के एक दर्जन से अधिक गावों में सुबह के वक्त तेज हवा चली जिस कारण यह नुकसान हआ है। घोड़ाडोंगरी विकास खंड के जुआड़ी,कोयलारी, छुरी, मयावानी, हीरावाड़ी, सीताकामाथ, केरिया, माथनी, कुही, मेहकार, चारगांव, रतनपुर, शोभापुर, रानीपुर समेत आसपास के कई गांवों में तेज हवा के साथ जोरदार बारिश दर्ज की गई।
36 जिलों में 11 फीसदी कम हुई बारिश :-:
-मानसून की बेरुखी के कारण जुलाई माह में बारिश के लिए लोग तरस गए। मध्यप्रदेश में अब तक औसत बारिश का कोटा 399.8 मिमी है, लेकिन अब तक प्रदेश में 357.6 मिमी बारिश हुई है, जो कोटे से 11 फीसदी कम है। वहीं प्रदेश के 36 जिलों में अब तक की बारिश का कोटा भी पूरा नहीं हो पाया।
-मौसम वैज्ञानिक कहते हैं कि मानसून सिस्टम सक्रिय नहीं होने से पिछले कुछ समय से बारिश नहीं हो रही है। जबकि अगले सप्ताह ही बारिश की उम्मीद की जा सकती है।