कुछ दिनों की राहत के बाद फिर शहर में रूक-रूककर बारिश हो रही है। मौसम विभाग का कहना है कि इस समय दक्षिण पूर्वी मप्र में लो प्रेशर एरिया होने और भोपाल के ऊपर से मानसून द्रोणिका गुजरने के कारण बादल, बारिश की स्थिति बन रही है। वहीं विभाग का कहना है कि इस समय सिस्टम बना हुआ है। वर्तमान में मौसम की जो स्थिति है, आने वाले दो तीन दिन बारिश की गतिविधियां रहेंगी। इसके बाद ही मानसून की विदाई को लेकर कुछ कह सकते हैं। अगर नया कोई सिस्टम नहीं आया तो तीसरे सप्ताह में विदाई का दौर शुरू हो सकता है। इसलिए तीसरे सप्ताह के बाद ही कुछ कह सकते हैं।
यहां ऑरेंज अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में अनूपपुर, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट जिलों में अतिभारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसी प्रकार सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, शहडोल सहित कई जिलों में बारिश की संभावना है। मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर, रीवा, शहडोल, उज्जैन, जबलपुर और सागर संभाग में गरज-चमक के साथ बारिश होगी। वहीं बीते दिन अधिकतम तापमान 32.7 डिग्री सेल्सियस रेकॉर्ड किया गया है जबकि न्यूनतम तापमान 24.8 डिग्री सेल्सियस रहा है। दिन और रात के तापमान में ज्यादा अंतर नहीं देखने को मिला है।
मध्यप्रदेश में पहुंचा मानसून डिप्रेशन
मध्य प्रदेश मानसून डिप्रेशन पहुंच गया है। अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव क्षेत्र के रूप में कमजोर हुआ है। दक्षिण छत्तीसगढ़ और इससे सटे दक्षिण पूर्व मध्य प्रदेश और विदर्भ पर डिप्रेशन लगभग उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है। उन्होंने कहा है कि दक्षिण पूर्व मध्य प्रदेश और आसपास के के क्षेत्रों में एक अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव क्षेत्र के रूप में कमजोर हो गया है। इसके अगले 48 घंटों के दौरान मध्य प्रदेश में लगभग उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है।
कोटे से 5 इंच बारिश ज्यादा
मध्यप्रदेश में 1 जून से अब तक करीब 40 इंच बारिश हो चुकी है। सामान्य रूप से अब तक 35 इंच बारिश होना चाहिए। यह सामान्य से 16% ज्यादा है। पूर्वी मध्यप्रदेश की स्थिति ज्यादा ठीक नहीं है। छतरपुर, दमोह, डिंडौरी, जबलपुर, कटनी, पन्ना, रीवा, सतना, सीधी, शहडोल, सिंगरौली, उमरिया और टीकमगढ़ में सामान्य से कम बारिश हुई है। हालांकि सिर्फ रीवा और सीधी ही दो ऐसे इलाके हैं, जहां पर अभी तक कोटे की 70% तक बारिश नहीं हुई है।