मौसम विभाग के अनुसार ‘मानसून ट्रफ’ राज्य के टीकमगढ़ और सीधी जिलों से होकर गुजर रहा है। फिलहाल चक्रवाती हवाओं का दबाव उत्तर-पूर्व राजस्थान और उससे जुड़े उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश पर लगातार बना हुआ है। इन दोनों सिस्टम के मिलने से मध्य प्रदेश में नमी आ रही है।
क्या है मौसम विभाग का कहना
वर्तमान में किसी वेदर सिस्टम के नहीं रहने से बारिश की संभावना कम है। हालांकि वातावरण में मौजूद नमी के कारण मंगलवार-बुधवार को सागर, शहडोल, जबलपुर, भोपाल, होशंगाबाद, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर एवं चंबल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा या गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। विभाग का कहना है कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बनी नमी के चलते बौछारों का दौर अब भी जारी है। आने वाले दो दिनों तक ऐसे ही मौसम रहेगा। वहीं अगले 16 घंटों में सभी संभागों के कुछ इलाकों में गरच-चमक के साथ बूंदे पड़ सकती हैं।
अब तक कितनी हुई बारिश
अगस्त के 24 दिन में इस बार सिर्फ 7.72 इंच बारिश हुई है। पिछले साल 21 से 24 अगस्त तक 4 दिन में ही 11.36 इंच पानी बरस गया था। मौसम वैज्ञानिक पीके साहा के मुताबिक शहर में अब तक हुई 7.72 इंच बारिश अब तक की सामान्य बारिश से 100 मिमी यानी 4 इंच कम है। आसपास कोई ऐसा मानसूनी सिस्टम नहीं है, जो यहां तेज बारिश करा सके।
जारी किया गया अलर्ट
विभाग की ओर से सागर और रीवा संभाग में बारिश का यैलो अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही ग्वालियर, उज्जैन, श्योपुर, दतिया, शिवपुरी, अशोकनगर, गुना, भिंड, आगर-मालवा, मुरैना, नीमच, दतिया, मुरैना, मंदसौर, भिंड, शिवपुरी, झाबुआ, बैतूल, राजगढ़, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर और रतलाम में गरज चमक के साथ ही बारिश हो सकती है।
इन जिलों में सामान्य से कम हुई है बारिश
अभी तक इंदौर, धार, बड़वानी, खरगोन, हरदा, छतरपुर, पन्ना, दमोह, कटनी, जबलपुर, मंडला, सिवनी और बालाघाट में 20 से 44 फीसद तक कम बारिश हुई है।