वहीं जानकारों की मानें तो आयुर्वेद में दूध को अमृत Milk elixir सामान माना गया है। भारत समेत विश्व के कई देशों में लोग रोजाना दूध पीते हैं। आयुर्वेद में भी दूध के कई गुणों का वर्णन मिलता है।
शिशुओं के लिए दूध को सर्वोतम आहार Best diet माना गया है। अलग अलग जगहों पर लोग अलग अलग जानवरों के दूध का सेवन करते हैं। जैसे कि गाय, भैंस, बकरी या कहीं कहीं ऊंटनी के दूध का भी उपयोग किया जाता है। वहीं जानकारों का कहना है कि भारतीय नस्ल की गाय के दूध को गुणों की दृष्टि से सबसे अच्छा माना गया है।
एक शोध Research में फुल क्रीम दूध पीने वाले बच्चे मोटापे का कम शिकार पाए गए हैं। जबकि टोन्ड दूध पीने वाले बच्चों में मोटापा ज्यादा देखने को मिला है।
लो कॉलेस्ट्रोल Low cholesterol की वजह से लोग फुल क्रीम दूध की जगह टोन्ड मिल्क का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं टोन्ड मिल्क आपके बच्चे की सेहत के लिए ज्यादा नुकसानदायक है। कनाडा में हुए एक शोध में इस बात की पुष्टि हुई है।
कनाडा के सैंट माइकल्स हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने एक स्टडी के माध्यम से इस बात की पुष्टि की है। रिसर्च में लो-फैट वाले मिल्क में मोटापा दूर करने वाली बात को भ्रम बताया गया है। इसके विपरीत रोजाना फुल क्रीम दूध पीने वाले 40 फीसदी बच्चे मोटापे का कम शिकार पाए गए हैं।
आयुर्वेद के डॉक्टर राजकुमार के अनुसार आमतौर पर सभी प्रकार के दूध का स्वाद प्राकृतिक रूप से मीठा ही होता है। बकरी के दूध को आरोग्य की दृष्टि से सर्वदोषहर कहा गया है, अर्थात इसके सेवन से सभी तरह के दोष ठीक हो जाते हैं। बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए भी दूध बहुत उपयोगी है।
आयुर्वेदिक दृष्टि से दूध के फायदे :
जानकारों की मानें तो आयुर्वेद में दूध को जीवन शक्ति बढ़ाने वाला आहार बताया गया है। उनके अनुसार दूध में बुद्धि, ताकत और धातुओं को बढ़ाने वाला रसायन होता है। दूध में ओज बढ़ाने वाले द्रव्य के सभी गुण पाए जाते हैं। इसके नियमित सेवन से ओज बढ़ता है। इसके अलावा दूध में निम्लिखित गुण होते हैं।
कब्ज़ दूर करने वाला।
शरीर में स्निग्धता लाने वाला।
गर्भ की स्थापना में सहायक।
घावों को भरने में उपयोगी।
रंग को निखारने वाला।
स्वर में वृद्धि करने वाला।
जलन को शांत करने वाला।
फायदेमंद: इन रोगों में दूध का सेवन
वैसे तो स्वस्थ रहने के लिए रोजाना दूध का सेवन करना ज़रूरी माना जाता है। कुछ ऐसी समस्याएं भी हैं जिनसे पीड़ित होने पर दूध का सेवन करने से जल्दी आराम मिलता है।
अन्य जानवरों के दूध की तुलना में गाय के दूध को सबसे ज्यादा पौष्टिक माना गया है। वर्तमान समय में भारत में गाय की 40 प्रजातियां पायी जाती हैं।
आयुर्वेद के अनुसार गाय का दूध वात और पित्त दोष को शांत करता है। इसमें जीवन शक्ति बढ़ाने वाले और बुढ़ापे में होने वाले रोगों को दूर करने की शक्ति होती है। गाय के दूध के नियमित सेवन से निम्न समस्याओं में लाभ मिलता है।
2. अधिक प्यास।
3. पुराना बुखार।
4. शरीर के किसी अंग से रक्तस्राव होना।
5. मूत्र त्याग में कठिनाई।