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भोपाल

इडली,डोसा खाना होगा महंगा ? लगेगा 18 प्रतिशत जीएसटी

इडली, डोसा और खमण सहित इस तरह के कई अन्य पदार्थ जो नाश्ता और भोजन में बहुत पंसद किए जाते हंै। अब इनका स्वाद लेना थोड़ा महंगा हो सकता है।

भोपालJun 10, 2024 / 12:37 pm

Mahendra Pratap

इडली, डोसा और खमण सहित इस तरह के कई अन्य पदार्थ जो नाश्ता और भोजन में बहुत पंसद किए जाते हंै। अब इनका स्वाद लेना थोड़ा महंगा हो सकता है।

भोपाल.इडली, डोसा और खमण सहित इस तरह के कई अन्य पदार्थ जो नाश्ता और भोजन में बहुत पंसद किए जाते हंै। अब इनका स्वाद लेना थोड़ा महंगा हो सकता है। क्योंकि, इडली, डोसा और खमण बनाने में इस्तेमाल होने वाले इंस्टेंट आटा मिक्स पर लगने वाले गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है । दरअसल, गुजरात अपीलेट अथॉरिटी फॉर एडवांस्ड रूलिंग ने एक फैसले में कहा है कि इडली, डोसा और खमण में इस्तेमाल होने वाले आटे समेत इंस्टेंट मिक्स को सत्तू के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता है। इसलिए उन पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाना चाहिए। जबकि इस संबंध में गुजरात की एक कंपनी ने इस संबंध में आपत्ति जतायी थी। कंपनी का कहना था कि इडली, डोसा सत्तू के समान है और इस पर 5 प्रतिशत का माल और सेवा कर (जीएसटी) लगना चाहिए। लेकिन,उसकी दलील को खारिज करते हुए कहा कि ‘इंस्टेंट आटा मिक्स’ बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री उचित जीएसटी नियमों के तहत कवर नहीं होती है, जैसा कि सत्तू के मामले में है।

सत्तू की तरह नहीं है ये आटा

दरअसल, कंपनियां गोटा,खमन, दलवाड़ा, दही बड़ा,ढोकला,इडली और डोसा का आटा मिक्स पाउडर के तौर पर बेचती हैं। कंपनियों का कहना था कि यह सत्तू की तरह है। इसलिए इस पर 5 प्रतिशत ही जीएसटी लगनी चाहिए। हालांकि, जीएसटी ने कहा कि यह सत्तू की तरह नहीं है।
इंस्टेंट आटा
वर्तमान परिदृश्य में हर कोई इंस्टेंट फूड की तरफ बढ़ रहा है। ऐसे में टैक्स की दर 5 से 18 फीसदी होने पर खाने की वस्तुएं महंगी होगी। हालांकि एडवांस्ड रुलिंग ने जिस मामले में फैसला दिया है, उसी पर यह लागू होगा।
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इंस्टेंट आटे के 400 और 500 ग्राम के पैकेट बाजार में उपलब्ध है। ये आटा 150 रुपए किलो तक बाजार में क्वालिटीनुसार विक्रय होता है। दो-तीन ब्रांड ही प्रमुख रूप से मांगे जाते हैं। हालांकि रेट बढऩे की कंपनियों की तरफ से कोई जानकारी नहीं आई है।
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यदि इंस्टेंट आटे पर टैक्स बढ़ता है तो इससे इस आटे से बनने वाले उत्पाद महंगे होंगे। सरकार को इस पर टैक्स नहीं बढ़ाना चाहिए। यदि इस आटे पर टैक्स बढ़ता है तो इससे तैयार माल की कीमत 2 से 5 फीसदी बढ़ जाएगी।
राकेश जैन, अध्यक्ष, भोपाल स्वीट्स एंड नमकीन एसोसिएशन भोपाल

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