आईवीएफ स्पेशलिस्ट डॉ. रंधीर सिंह ने बताया कि गर्भपात के कुल मामलों में से 25 फीसदी में स्पर्म डीएनए फ्रेगमेंटेशन जिम्मेदार होता है। इसको जीवनशैली में सुधार कर ठीक भी किया जाता है।
स्पर्म का डीएनए बार-बार बदलने का कारण स्पर्म डीएनए फ्रेगमेंटेशन कहा जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, यह स्थिति पुरुषों में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का कारण बन रही है। यही नहीं हर छह महिलाओं में से एक महिला का गर्भपात पुरुषों के खराब स्पर्म के कारण हो रहा है। ऐसी महिलाओं के पुरुष साथियों की जांच में सामने आया कि उनके स्पर्म में ऐसे मॉलिक्यूल मौजूद थे, जो नुकसानदायक थे।