scriptयस बैंक संकटः पैसा निकालने पहुंचे सैकड़ों ग्राहकों की मुश्किलें बढ़ीं, सभी एटीएम खाली | yes bank crisis in bhopal latest news | Patrika News
भोपाल

यस बैंक संकटः पैसा निकालने पहुंचे सैकड़ों ग्राहकों की मुश्किलें बढ़ीं, सभी एटीएम खाली

भोपाल की तीन शाखाओं पर सुबह से परेशान हो रहे हैं यस बैंक के ग्राहक…।

भोपालMar 06, 2020 / 04:31 pm

Manish Gite

04.png

yes bank crisis in bhopal latest news


भोपाल। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से निजी क्षेत्र के यस बैंक ( Yes Bank ) की कई सेवाओं में रोक लगा दी गई है। इसके बाद इसके हजारों ग्राहकों की मुश्किलें बढ़ गई है। केन्द्रीय बैंक ने जमाकर्ताओं के लिए 50,000 रुपए निकासी की सीमा तय की है। 5 मार्च की शाम को जैसे ही यह खबर आई बैंक के ग्राहकों में टेंशन बढ़ गया और यह लोग अपना पैसा निकालने के लिए यस बैंक की ब्रांचों पर टूट पड़े। इसके एटीएम भी खाली हो गए हैं, वहीं दूसरे एटीएम से भी पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं।

 

भोपाल के एमपी नगर, बिट्टन मार्केट और हमीदिया रोड पर यस बैंक की ब्रांच है। तीनों ही बैंकों पर सुबह से ग्राहकों का जमावड़ा है। वे अपना पैसा निकालना चाहते हैं। बैंक कर्मचारियों के व्यवहार से भी लोग परेशान हो रहे हैं। कई लोग हंगामा करने लगे हैं। ग्राहकों का तीन लाख से लेकर 5 लाख रुपए तक एफडी के रूप में जमा है। गौरतलब है कि 16 साल पहले शुरू हुई इस बैंक की देशभर में 1000 ब्रांच हैं। वहीं 1800 एटीएम हैं। यस बैंक के महिला स्पेशल ब्रांच भी हैं, जो यस ग्रेस ब्रांच के नाम से चलते हैं।

 

क्या डिपाजिट इंश्योरेंस स्कीम लागू होगी
एमपी नगर स्थित यस बैंक के दफ्तर पर सुबह से अपना पैसा निकालने के लिए लाइन में खड़े अरुण राठौर ने कहा है कि हमें कहा गया था कि दोपहर तक पैसा मिल जाएगा, लेकिन अब तक परेशान हो रहे हैं। अरुण ने सरकार और आरबीआई से सवाल किया कि जो डिपाजिट इंश्योरेंस स्कीम बजट में लेकर आए थे, क्या वो यहां प्राइवेट सेक्टर में भी लागू होगा। यदि बैंक कोई डिफाल्टर हो जाती है तो क्या हमारा पैसा सुरक्षित रहेगा।

बैंक के चक्कर काट रहे एक व्यक्ति ने कहा कि बैंक वाले यदि बता देते कि आज पैसा नहीं मिल पाएगा, तो हम नहीं आते। हमारा पूरा दिन खराब हुआ। अब कल फिर आना होगा और समय बर्बाद होगा।

वहीं एक अन्य बैंक के ग्राहक का कहना है कि हम सुबह से यस बैंकों के एटीएम से पैसा निकालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन या तो उसमें से पैसा नहीं निकल रहा है या उसमें पैसा ही नहीं हैं। बैंक वाले स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहे हैं। हमें चिंता है कि कहीं हमारा पैसा डूब नहीं जाए।

कांग्रेस ने मोदी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
यस बैंक पर आए संकट ( yes bank crisis ) पर मध्यप्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट के जरिए मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एमपी कांग्रेस ने अपने ट्वीट में लिखा है – अब यस बैंक के ग्राहकों को नो, मोदीजी की गलत नीतियों के कारण यस बैंक भी डूब रहाहै। आरबीआई ने 50 हजार से अधिक निकालने पर प्रतिबंध लगा दिया है। क्रोनोलॉजी समझिए। पहले आपका पैसा बैंक में जमा कराएंगे, फिर बैंक से पैसा निकालने नहीं देंगे।

 

3 अप्रैल तक चलेगा प्रतिबंध
-चिकित्सा उपचार के संबंध में पैसा निकाल सकेंगे।
-शिक्षा के लिए भारत में या भारत से बाहर लागत को चुकाने के संबंध में।
-विवाह या अन्य समारोह के संबंध में बाध्यकर खर्चों के लिए।
-किसी अन्य अपरिहार्य इमरजेंसी के संबंध में।
-प्रतिबंध 30 दिनों के लिए लगाया गया है, जो 5 मार्च से शुरू हुआ है और 3 अप्रैल तक चलेगा।

क्या है इस संकट का कारण

साल 2008 में जब अशोक कपूर की मौत हो गई थी तब कपूर परिवार में कलह की शुरुआत भी हो गई थी। अशोक कपूर की पत्नी मधु अपनी बेटी शगुन को बैंक के बोर्ड में शामिल करना चाहती थीं। यह मामला इतना बढ़ा कि अदालत तक पहुंच गया, जिसमें जीत राणा कपूर के पक्ष की जीत हो गई। कुछ समय तक तो इस युद्ध पर विराम ही लगा रहा और रणवीर गिल को बैंक का मैनेजिंग डायरेक्ट नियुक्त कर दिया गया। उस वक्त कार्पोरेट गवर्नेंस से समझौते के मामले सामने आए और बैंक कर्ज की चपेट में जाने लगा। आलम यह रहा कि प्रमोटर्स ने अपनी हिस्सेदारी बेचनी शुरू कर दी।

-राणा कपूर बैंक में अपने शेयर्स को हीरा-मोती बताते थे और कभी बेचना भी नहीं चाहते थे। लेकिन, वक्त बदला और पिछले साल अक्टूबर में हालत यह हो गई कि राणा कपूर और उनके ग्रुप की हिस्सेदारी घटकर 4.72 प्रतिशत रह गई। तीन अक्टूबर को सीनियर ग्रुप प्रेसिडेंट रजत मोंगा ने त्याग पत्र दे दिया। उन्होंने भी सितंबर में अपनी हिस्सेदारी बेच दी।
-यस बैंक के ग्राहकों की लिस्ट में रीटेल से ज्यादा कार्पोरेट ग्राहक हैं। इस बैंक ने जिन कंपनियों को भी लोन दिया, वे ज्यादातर घाटे में हैं। वो कंपनियां दिवालिया होने की स्थिति में पहुंच गई। इसके बाद लोन वापस मिलने की गुंजाइश भी बैंक को नहीं दिखती है।
-यस बैंक पर लगी पाबंदियों के साथ ही रिजर्व बैंक आफ इंडिया यस बैंक के बहीखातों, एसेट्स का मूल्यांकन करेगा और इसके बाद निर्णय लेगा कि क्या किया जाए। माना जा रहा है कि तीस दिनों के अंदर ही तय हो जाएगा कि देश में निजी क्षेत्र का चौथा सबसे बड़ा बैंक का टेकओवर होगा या मर्जर होगा।

Home / Bhopal / यस बैंक संकटः पैसा निकालने पहुंचे सैकड़ों ग्राहकों की मुश्किलें बढ़ीं, सभी एटीएम खाली

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो