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मप्र में पहली बार बड़ा प्रयोग… युवा बनेंगे सीएम-मंत्री, कमलनाथ कैबिनेट सहित दर्शक

– युवा संसद का विधानसभा में होगा आयोजन – मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, स्पीकर सहित सत्ता और विपक्ष की भूमिका में दिखेंगे छात्र

भोपालDec 05, 2019 / 12:11 pm

दीपेश अवस्थी

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भोपाल। कमलनाथ सरकार भावी नेता तैयार करने के लिए प्रदेश में पहली बार बड़ा प्रयोग करने जा रही है। इस प्रयोग के तहत विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, मंत्री-विधायक और नेता-प्रतिपक्ष महज दर्शक होंगे, जबकि प्रदेश के युवा इसमें विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, मंत्री-विधायक और नेता-प्रतिपक्ष का किरदार निभाएंगे। ऐसा 17 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के इसी शीतकालीन सत्र में एक दिन के लिए होगा।
दरअसल, यह प्रयोग युवा संसद के तहत होगा। खास ये कि इसमें एक दिन के लिए विधानसभा परिसर में असली सदन की तरह ही स्क्रीन भी लगेगी और पक्ष-विपक्ष बनकर युवा एक-दूसरे के खिलाफ तकरार भी करेंगे। इसमें विपक्ष के सवाल भी उठेंगे, पक्ष के जवाब भी आएंगे और सीएम-नेता-प्रतिपक्ष की तकरार भी दिखेगी।
यह युवा संसद एकदम सदन की तरह ही होगी। इसमें डमी स्पीकर से लेकर मुख्यमंत्री, मंत्री, नेता प्रतिपक्ष, सत्ता और विपक्षी दल के सदस्य होंगे। इसके दर्शक असली स्पीकर, मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायक होंगे। राज्य सरकार के संसदीय कार्य विभाग ने युवा संसद का प्रस्ताव विधानसभा सचिवालय को भेज दिया है।
राज्य सरकार का प्रयास है कि दिसम्बर में शुरू हो रहे विधानसभा के सत्र के दौरान विधानसभा के सभागार में युवा संसद का आयोजन हो। इसलिए सत्र के पहले ही प्रस्ताव भेज दिया गया है। अब निर्णय विधानसभा सचिवालय को लेना है। विधानसभा अध्यक्ष की हरीझंडी के बाद युवा संसद के दिन और समय घोषित होगी। इसमें हर साल युवा संसद होना प्रस्तावित है।
टॉपर विद्यार्थी शामिल होंगे युवा संसद में –

संसदीय कार्य विभाग का पंडित कुंजीलाल दुबे संसदीय विद्यापीठ को युवा संसद की जिम्मेदारी दी गई है। विद्यापीठ कॉलेज से लेकर प्रदेश स्तर पर युवा संसद का आयोजन करवाती है। प्रदेश स्तर की इस युवा संसद में टॉप आने में आने वाले विद्यार्थियों को विधानसभा भवन में लगने वाली युवा संसद में मौका मिलेगा। इन्हीं से पक्ष और विपक्षी दल के सदस्यों सहित मुख्यमंत्री, मंत्री और स्पीकर की भूमिका में युवा शामिल होंगे। यह युवा संसद विधानसभा के सभागार में या फिर परिसर स्थित विधान परिषद भवन में लगाए जाने की तैयारी है। इसके लिए सदन की तरह मंच तैयार होगा।
विपक्ष के तीखे सवाल और सरकार का घेराव भी दिखेगा –

हू-बहू सदन की कार्यवाही की तरह लगाए जाने वाली इस युवा संसद में विपक्षी दल के सदस्य जनहित के मुद्दे उठाते नजर आएंगे। वहीं यदि सरकार के जबाव टालमटोल वाले रहे तो उनके तीखे तेवर का सामना भी सत्तापक्ष के सदस्यों को करना पड़ेगा। विधानसभा परिसर में होने वाली युवा संसद के लिए युवाओं को पहले से प्रशिक्षित किया जाएगा। मुद्दे सहित युवाओं की भूमिका भी मंचन के पहले तय होगी।

राजनीति के शुद्धिकरण का प्रयास –

कॉलेज छात्र राजनीति की पहली पाठशाला माने जाते हैं। लेकिन प्रत्यक्ष प्रणाली से छात्र संघ चुनाव नहीं होने के कारण योग्य और बेहतर छात्र राजनीति से दूर हो रहे हैं। युवा संसद के माध्यम से सरकार का प्रयास है कि युवा देख सकें कि सदन की कार्यवाही कैसे होती है। इसके माध्यम से वे सदन की कार्यवाही को करीब से समझने के साथ राजनीति की ओर आकर्षित होंगे।

बेहतर और शिक्षित युवा राजनीति में शामिल होंगे, राजनीति का शुद्धिकरण होगा और उसे नई दिशा मिलेगी। कांग्रेस के वचन पत्र में भी स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षा के विद्यार्थियों को साल में एक बार सदन की कार्यवाही दिखाने और युवा संसद का आयोजन कराए जाने का वचन शामिल है। इसी वचन को पूरा किए जाने की दिशा में सरकार ने यह कदम उठाया है।

संसदीय कार्य विभाग के माध्यम से युवा संसद के आयोजन का प्रस्ताव विधानसभा सचिवालय को भेजा गया है। विधानसभा सचिवालय की हरीझंडी के बाद आगे की कार्यवाही शुरू की जाएगी।

– डॉ. प्रतिमा यादव, संचालक पं. कुंजीलाल दुबे संसदीय विद्यापीठ

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