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भोपाल

हर दिन 200 घरों में मिल रहा लार्वा, जुर्माना सिर्फ 21 पर ही

जीका मच्छर को खत्म करने में लगी टीम नहीं है गंभीर, लार्वा मिलने पर भी नहीं हो रही कार्रवाई

भोपालNov 20, 2018 / 01:24 am

Ram kailash napit

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zika virus

भोपाल. राजधानी में जीका के 51 मरीज सामने आ चुके हैं, इसके अलावा हर रोज एक दर्जन से ज्यादा जीका के संदिग्धों की पहचान की जा रही है। शहर में हर दिन 200 घरों में मच्छरों के लार्वा मिल रहे हैं। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग के साथ नगर निगम इसे खत्म करने में गंभीर नहीं है। इतने घरों में लार्वा मिलने के बाद भी हर दिन जुर्माना दो दर्जन मकान मालिकों पर ही किया गया है। लार्वा टीम के सदस्यों की माने तो ऐसे कई घर है जहां दो और तीन बार लार्वा मिले हैं। इसके बाद भी सिर्फ समझाइश देकर छोड़ा जा रहा है।जीका की रोकथाम के लिए 156 टीमें लगी हैं। एंटी लार्वा टीम को लार्वा पहचानने की ट्रेनिंग दी जाती है, इसलिए इस टीम को करीब 11 फ ीसदी घरों में लार्वा मिल रहा है। आशा कार्यकतार्ओं को लगभग 5 हजार घरों का हर दिन सर्वे कर रही हैं, पर उन्हें सिर्फ 5 फ ीसदी घरों में ही लार्वा मिल रहा है। कई बार कहीं भी नहीं मिलता। इससे लार्वा सर्वे की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

इसलिए बढ़ रहे मरीज
– लार्वा मिलने पर नगर निगम को मकान मालिक पर 200 से 5 हजार रुपए तक जुर्माने का अधिकार है, लेकिन जुर्माना तब किया जाता है जब हर दिन 5 से ज्यादा मरीज आने लगते हैं।
– बार- बार मौसम बदलने मच्छर पनपने को मौका मिला है।
लार्वा नष्ट करने के लिए यह करें
– कूलर, गमला, चिडिय़ों के बर्तन टंकियों का पानी हर हफ्ते बदलें।
– पानी के कंटेनरों में कीड़े की तरह तैरते हुए लार्वा दिखें तो उन्हें मारने के लिए सरसो का तेल डालें या फि र छानकर सूखी जगह पर फेंके।

आंकड़े
19 नवंबर को लार्वा सर्वे की स्थिति
सर्वे किए गए घर 5602
कितने घरों में लार्वा मिला 197
कितने बर्तनों में लार्वा सर्वे किया गया 36914
कितने बर्तनों में लार्वा मिला 239
बीते एक सप्ताह की स्थिति

तारीख – घरों में मिला लार्वा
18 नवंबर – 197
17 नवंबर – 204
16 नवंबर – 210
15 नवंबर – 205
14 नवंबर – 208
13 नवंबर – 206
12 नवंबर – 271

पुणे से नहीं आई जीका की रिपोर्ट, सभी सैंपल भी नेगेटिव
भोपाल. पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से आने वाली जीका रिपोर्ट सोमवार को भी नहीं मिली। इसके साथ ही मप्र में जीका का कौन सा वायरस है इसे जानने में अभी और इंतजार करना होगा। स्वास्थ्य विभाग के संचालक डॉ. बीएन चौहान ने बताया कि सभी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। इस आधार पर ही आगे की ट्रीटमेंट लाइन तैयार की जाएगी। गौरतलब है कि मप्र में जीका का कौन सा सीरोटाइप है इसकी जानकारी किसी को नहीं है। इसके लिए मप्र से सैंपल पुणे भेजे गए हैं। अभी कयास लगाए जा रहे हैं कि मप्र में सक्रिय वायरस राजस्थान जैसे हो सकते हैं जो कि घातक नहीं है। इधर सोमवार को एम्स भोपाल से जीका के 19 सैंपलों की रिपोर्ट जारी की गई। इनमें से 14 सैंपल भोपाल और 5 सीहोर के थे। विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. अजय बरोनिया ने बताया कि अच्छी बात यह है कि सभी सैंपल नेगेटिव आए हैं।

ओके रिपोर्ट के बाद बटेंगी मच्छरदानियां
इधर, मच्छरदानियों को लेकर विभाग का कहना है कि केन्द्र सरकार से प्रदेश के जिलों के लिए 94 लाख मच्छरदानी आनी है। इसकी डिलेवरी 24 अक्टूबर से शुरू हुई है। अधिकारियों का कहना है कि यह मच्छरदानियां मेडिकेटेड हैं इसलिए इनके पांच सैंपल जांच के लिए विभिन्न लैब में भेजे गए हैं। वहां से ओके रिपोर्ट आने के बाद ही इन्हें अस्पतालों में बांटा जाएगा।
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