श्रीमंदिर के 75 मीटर के दायरे में सुंदरीकरण के लिए जिन लोगों ने जमीन दान दी है उनके नाम भी शिलापट पर लिखे जाएंगे। जमीन महाप्रभु जगन्नाथ के नाम पर होगी। विश्वस्तरीय हेरिटेज विकसित करने के लिए विशेषज्ञों की सेवाएं ली जाएंगी। इस मीटिंग में मुख्यमंत्री के निजी सचिव वीके पांडियन ने बताया कि इस योजना की कल्पना 2016 में की गयी थी। तभी तय कर लिया गया था कि इसे अमल में लाना है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के अध्यात्मिक भाव का अंदाजा तब लगा था जब वह उनके साथ पुरी जा रहे थे। भुवनेश्वर से पुरी के बीच रोड साइड की होर्डिंगों में महाप्रभु की फोटो वह बड़े ध्यान से देख रहे थे। पांडियन के अनुसार उन्हें लगा कि मुख्यमंत्री जी कुछ अलग हटकर श्रीमंदिर के लिए करने की सोच रहे हैं। उसी दिन बंडदंड के पास पुरी जेल शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया। पांडियन ने कहा कि पुरी को विश्वस्तरीय हेरिटेज सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार की कैबिनेट ने 3,208 करोड़ रुपया अबाध स्कीम के तहत स्वीकृत किया है।