दरअसल सोमवार को बिजनौर में जिला पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किये जा रहे थे। सबसे पहला नामांकन साकेन्द्र प्रताप ने कराया। उसके बाद मोनिका सिंह ने नामांकन कराया था। मोनिका पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रहे उदयनवीरा के साथ नामांकन कराने पहुंची थी। उधर ये बात साकेंद्र गुट के समर्थकों को अच्छी नहीं लगी और साकेन्द्र समर्थकों ने उदयनवीरा के समर्थक छत्रपाल सेक्रेटरी के साथ मारपीट कर डाली।
इस चुनाव में मोनिका के अपहरण करने की अफवाह भी आग की तरह पूरे जिले में फ़ैल गयी। लेकिन कुछ ही समय के बाद मोनिका ने प्रेस वार्ता कर अपहरण की सूचना को गलत बता दिया और अपने अपहरण की बात को झुठला दिया। इस उपचुनाव को लेकर अब मोनिका भी साकेन्द्र के पक्ष में बैठने की बात कह रहीं हैं।
बिजनौर में सोमवार को जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर 2 लोगों ने पर्चा दाखिल किया है। 15 मार्च को नाम वापसी और 19 मार्च को इस उपचुनाव को लेकर जिला पंचायत सदस्य वोट करेंगे। उधर प्रत्याशी मोनिका ने सोमवार को काफी गहमा-गहमी होने के बाद मीडिया को बयान दिया कि वो साकेन्द्र के साथ हैं। उधर अगर मोनिका ने 15 मार्च को इस चुनाव से नाम वापस ले लिया तो साकेन्द्र निर्विरोध जिलापंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पाने में कामयाब हो जाएंगे।