वहीं खुफिया एजेंसियां अमृतपाल सिंह के गतिविधियों को लेकर काफी सक्रिय है। बिजनौर जिले के खादर और वन क्षेत्र में विशेष निगाह बनाए हुए हैं। इसका कारण भी है। 90 के दशक में खालिस्तानी में बिजनौर को अपना ठिकाना बनाया था।
80 हजार जवान अमृतपाल को पकड़ने में जुटे कट्टरपंथी खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह 18 मार्च से फरार है। खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल की तलाश में पंजाब समेत कई राज्यों की पुलिस जुटी है। उसको लेकर बिजनौर में भी अलर्ट है। पंजाब पुलिस के करीब 80 हजार जवान अमृतपाल को पकड़ने में जुटे हैं। पुलिस ने अब तक सिर्फ उनकी गाड़ियां बरामद कर पाई हैं लेकिन अमृतपाल सिंह का पता नहीं लगा पाईं हैं।
90 दशक में कई आंतकियों ने ली थी शरण 90 के दशक में खालिस्तान की मांग करने वाले कई आंतकियों ने बिजनौर को अपना ठिकाना बनाया था। बिजनौर जिले के खादर, अमानगढ़, नगीना देहात, रेहड़, बढ़ापुर क्षेत्र में कई आंतकियों ने शरण ली थी। इस दौरान पुलिस से कई बार उनकी मुठभेड़ हुई। रेहड़ क्षेत्र में हत्याएं भी हुई थी।
इसी को देखते हुए बिजनौर पुलिस अलर्ट मोड़ में है। एडीजी और डीआईजी के आदेश पर दो बार जिले के बॉर्डर पर व्यापक रूप से चेकिंग अभियान चलाया जा चुका है। अमृतपाल को लेकर पुलिस खादर और वन क्षेत्र में विशेष नजर रख रही है। पिछले दिनों 59 स्थानों पर नाकेबंदी कर चेकिंग अभियान चलाया गया था। उत्तराखंड से सटे क्षेत्र में विशेष चौकसी है। पुलिस के साथ-साथ एलआइयू, आइबी समेत अन्य जांच एजेंसी भी सक्रिय है।