उल्लेखनीय है कि अक्सर हर कोई अपनी बेटी के लिए सरकारी नौकरी वाला लड़का तलाश करता है। इसके बाद जैसी सरकारी नौकरी वैसे ही दहेज की मांग की जाती है। कई बार तो सरकारी दूल्हे की लाखों में बोली भी लगती है। भले ही कुछ लोग दहेज नहीं लेते हैं, लेकिन अधिकतर लोग दहेज लेकर इस सामाजिक कुरीति को बढ़ावा देते हैं। एसडीएम सदर ने इस कुरीति से लड़ने के लिए सरकारी नौकरी के लिए प्रयासरत युवकों के मन में डर बिठाने के उद्देश्य और दहेज नहीं लेने की इच्छाशक्ति जगाने को लेकर ये अनोखी मुहिम शुरू की है। अब कलक्ट्रेट में दस्तावेजों का सत्यापन कराने आने वाले युवकों को नोटरी सत्यापित शपथपत्र देना होगा। साथ ही शपथपत्र पर लिखना होगा कि जब सरकारी नौकरी लगेगी और शादी होगी तो वह दहेज नहीं लेगा।
यह भी पढ़ें- KGMU में डॉक्टरों ने भाई का लिवर काटकर दूसरे को लगाया भारतीय सेना में चयन होने पर दिया पहला शपथपत्र कलेक्ट्रेट में दहेज नहीं लेने का शपथपत्र चर्चा का विषय बना हुआ है। पहला शपथपत्र सुल्तानपुर टप्पा नांगल गांव के रहने वाले शाह फैसल ने दिया है। शाह फैसल ने लिखा है कि वह भारतीय सेना के लिए चयनित हो गया है। फिलहाल वह अविवाहित है और जब भी शादी करेगा तो दहेज नहीं लेगा। शाह फैसल ने अपना शपथपत्र एसडीएम सदर देवेंद्र सिंह को सौंपा है। इस संबंध में एसडीएम सदर देवेंद्र सिंह ने बताया कि मंगलवार को शाह फैसल से पहला शपथपत्र लिया गया है। उन्होंने बताया कि स्टाफ को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। अब से सरकारी नौकरी लगने या नौकरी के लिए प्रयासरत युवाओं से दहेज नही लेने का शपथपत्र लिया जाएगा। अगर कोई शपथपत्र नहीं देगा तो उसके दस्तावेज का सत्यापन नहीं होगा।