ग्रामीणों द्वारा मानवरहित पुल बनाकर ग्रामीणों को एक गांव से दूसरे गांव खेती व अन्य कार्य करने के लिए जान जोखिम में डालकर तेज बहाव पानी को पार करना पड़ रहा है। बता दें कि इस समय जिस गांव में बाढ़ के हालात हैं उस गांव की आबादी दो हजार के आस पास है। जिनमें कई छात्र रोजाना स्कूल पढ़ने के लिए दूसरे गांव में जाते हैं। ऐसे में तेज बाढ़ के पानी को पार करना उनके लिए मौत का सामना करने से कम नहीं है। स्कूली बच्चे तेज़ बहाव के पानी को पार कर रहे हैं।
स्कूली बच्चों को 10 किलोमीटर का दूसरा रास्ता पार कर अपने घर पहुँचना पड़ता है। गांव के स्कूली बच्चों का कहना है कि बरसात के दिनों में हर वर्ष इसी तरह गांव से गांव को जोड़ने वाला रपटा पानी मे बह जाता है। जिसके चलते उन्हें इस तरह जान जोखिम में डालकर रास्ता पार करना पड़ता है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि गांव की इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं देता। जिसके चलते सभी को वर्षों से जूझना पड़ रहा है।