यहां लूणकरणसर के भरुपावा निवासी प्रकाश पुत्र नारूराम मेघवाल श्रीगंगानगर सर्किल के पास खड़ा था। उसके पास दो-तीन कार्टन थे। पुलिस ने कॉर्टनों की तलाशी ली। इनमें नशीली गोलियां भरी हुई थी। पुलिस ने आरोपित के पास से ७२ हजार नशीली गोलियां बरामद की। सीआइ के मुताबिक प्रकाश ने पूछताछ में बताया कि श्रीगंगानगर निवासी नरेन्द्रसिंह दवाओं को जयपुर से मंगवाता है। फिलहाल वह बीकानेर में रह रहा है। पुलिस टीम को उसके ठिकानों पर भेजा लेकिन वह नहीं मिला।
नशीली दवा तस्कर गिरोह से जुड़े तार
प्रदेश में डोडा-पोस्त पर प्रतिबंध लगाने और नशा छुड़ाने के लिए सरकार का नया सवेरा कार्यक्रम के बाद सरकारी अस्पतालों में दर्द निवारक गोलियां मरीजों को दी जा रह है। हालात यह है कि नशेड़ी दर्द निवारक दवाओं की डोज चिकित्सक से पूछे बगैर ही बढ़ा कर ले रहे हैं।
दवाओं का नशे में उपयोग होने पर अब अस्पतालों में भी चिकित्सक के लिखे बगैर देने पर रोक है। ऐसे में नशीली दवाओं की खपत बढ़ गई। इसका नशीली दवाओं का कारोबार करने वाले तस्कर सक्रिय हो गए हैं। यह गिरोह बीकानेर सहित हनुमानगढ, श्रीगंगानगर, सूरतगढ़, पीलीबंगा, हरियाणा, सिरसा व पंजाब में सक्रिय है। गिरोह में कई युवा शामिल हैं।
जयपुर से खेप आती और श्रीगंगानगर भेजी जाती
सीआइ ने बताया कि जांच-पड़ताल में पता चला है कि नशीली दवाओं की खेप जयपुर से मंगवाई जाती थी। यहां से लोकस बसों में इस खेप को श्रीगंगानगर व अन्य जगहों पर भेजा जाता है। रविवार रात को भी प्रकाश इन दवाओं के कार्टन को श्रीगंगानगर भेजने की फिराक में था। इससे पहले ही पुलिस को इसकी भनक लग गई और उसे दबोच लिया।