दिलचस्प बात यह है कि किसान भंवरलाल जाखड़ गांव से जब भी अपने खेत जाते हैं तो खेत के अंदर जाने से पहले जूते चप्पल खोल कर पूरी तरह से साफ कर लेते हैं। उनका मानना है कि ऐसा करने से दूसरों के खेत के कीट उनके खेत में प्रवेश नही कर पाएंगे। इससे फसल में बीमारी लगने का खतरा नही रहता है। खेत आने वाले लोगों को भी जूते खोलकर आने को कहते है।
उन्होंने बताया कि आगामी समय में खेत में पपीत,े खजूर व नींबू उगाने की योजना है तथा इसकी अभी से तैयारी में लगा हूं। क्षेत्र के किसानों ने भंवरलाल की खेती करने की देशी तरीके को काफी सराहा है तथा समय-समय पर फसल उत्पादन बढ़ाने की सलाह लेने पहुंचते हैं।
देशी तरीके से खेती पर फसल उत्पादन में वृद्धि के बाद आस-पास के किसान भी इसके प्रति रूचि दिखा रहे हैं। किसानों के अनुसार इस प्रकार की तकनीक से जहां फसल में कीट नहीं लगता है। वहीं रासायनिक खादों के दुष्प्रभाव से भी बचा जा सकता है। साथ ही कीटनाशकों पर खर्च होना वाला पैसा भी बचाया जा सकता है। यह तकनीक फसलों के लिए उचित बताई जा रही है। अब क्षेत्र के किसान भी इस प्रकार की खेती अपनाने लगे है तथा जानकारी के लिए जाखड़ के पास पहुंच रहे हैं।