एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया के किसी भी देश में रहने वाले भारतीयों और विद्यार्थी को विश्वास है कि हर क्षण मोदी सरकार उनके साथ है। कोई भी संकट में वह साथ खड़ी मिलेगी।
कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के समर्थन में आए जयशंकर ने कहा आज दुनिया भी भारत की ताकत को पहचानती है। देश तीसरे नम्बर की अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। सबसे ज्यादा जनसंख्या और सबसे बड़ा लोकतंत्र है। ऐसे में यूएन की सुरक्षा परिषद में हमारा दावा मजबूत है। हम स्थाई सदस्यता की ओर बढ़ रहे हैं।
भारत और श्रीलंका के बीच बने कच्चातिवू द्वीप को 1974 में श्रीलंका को सौंपने पर अब सवाल उठाने के बारे में पूछने पर विदेश मंत्री जयशंकर बोले, कांग्रेस नेताओं का भारत की जमीन से कभी लगाव नहीं रहा। अक्साई चिन के समय से ही नेहरू की ऐसी सोच रही है। अक्साई चीन के 38 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कांग्रेस ने 1962 के बाद वापस लेने की कोई तैयारी नहीं की।
आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं, विदेश मंत्री बोले- भारत का दुर्भाग्य कि पाकिस्तान पड़ोसी है
पड़ोसी देशों से खराब संबंधों के जिक्र पर जयशंकर ने कहा कि दो देश पाकिस्तान और चीन को छोड़कर पड़ोसियों के साथ भारत के संबंध अच्छे हैं। कोविड में वैक्सीन उपलब्ध कराने, खाद्य संकट या विद्युत संकट में मदद देने की बात हो, भारत हमेशा मदद में आगे रहा है। पड़ोसी देशों में भारत के प्रति उनका विश्वास बढ़ा है।
अपनी हाल में आई पुस्तक ‘वाय भारत मैटर्स’ का जिक्र करते हुए कहा जयशंकर ने कहा कि भारत को यूएन का स्थायी सदस्य बनाने का प्रस्ताव आया तब पंडित जवाहरलाल नेहरू ने चाइना पहले की नीति अपनाई। नेहरू मुख्यमंत्रियों को पत्र भेजा करते थे। इन्हीं पत्रों में स्थाई सदस्य पहले चीन बने। उस समय राष्ट्र प्रथम की जगह तत्कालीन प्रधानमंत्री की अपनाई नीति से मैं आश्चर्यचकित हूं।