अलसुबह से शुरू हो रहा गणगौर पूजन का सिलसिला देर रात तक चल रहा है। बालिकाओं के साथ-साथ महिलाएं गणगौर के पारम्परिक गीतों का गायन कर गणगौर प्रतिमाओं के समक्ष गीत और नृत्य प्रस्तुत कर रही है। बासा देने के दौरान गणगौर प्रतिमाओं के विविध पकवानों के भोग अर्पित किए जा रहे है। अल सुबह बाला गणगौर का पूजन करने वाली बालिकाओं के गणगौर गोठ के आयोजन चल रहे है। बालिकाएं आनन्द और उत्साह के साथ मां गवरजा का पूजन कर रही है।
बालिकाएं मध्याह्न पश्चता दांतणिया देने और देर शाम को घुड़ला घुमाने की रस्म का निर्वहन कर रही है। बाजारों में गणगौर प्रतिमाओं की बिक्री बढ़ गई है। प्रतिमाओं को श्रृंगारित करने का काम भी बड़े स्तर पर चल रहा है। घर-घर में युवतियां और महिलाएं गणगौर प्रतिमाओं को पारम्परिक वस्त्रों और आभूषणों से सजाया जा रहा है।
कोरोना से बचाव का दिया संदेश
जवाहर नगर क्षेत्र में गुरुवार को गणगौर का बासा देने का कार्यक्रम राजकुमारी व्यास के नेतृत्व में हुआ। इस दौरान महिलाओं ने गणगौर प्रतिमाओं के माध्यम से आमजन को कोरोना संक्रमण से बचाव करने, मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंस की पालना करने सहित बार-बार हाथों को सैनेटाईज करने व धोने का संदेश दिया। गणगौर प्रतिमाओं के मुंह पर मास्क लगाए गए और पोस्टर के माध्यम से जागरूकता का संदेश दिया गया। इस दौरान हेमलता, मुस्कान, श्रुति, कोमल, लक्ष्मी, आरती, मानसी, अन्नपूर्णा, अदिति, तनू, जशोदा, दर्पण आदि ने गणगौर पूजन कर पारम्परिक गणगौरी गीतों का गायन किया व प्रतिमाओं के समक्ष नृत्य प्रस्तुत किए।