त्रिकुट, दालचीनी खिलाएं : बड़े बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता और पाचन सही रखने के लिए त्रिकटु, दालचीनी खाने में मिलाकर सुबह-शाम दें। इससे बच्चे स्वस्थ्य रहेंगे। बच्चे को कोई दिक्कत है तो अपनी मर्जी से इलाज न करें, चिकित्सक से परामर्श लें।
खांसी-जुकाम होने पर पानी में सेंधा नमक मिलाकर रुई से बंद नाक साफ करें। इसको खुला रखने के लिए नीलगिरि के तेल से छाती और गले के आसपास मालिश करें। आराम मिलेगा।
सरसों का तेल न लगाएं
मच्छरों से बचाव के लिए नीम के तेल का घर में स्प्रे करें। मानसून में सरसों का तेल लगाने से त्वचा संबंधी समस्या हो सकती है। बच्चों की नारियल और तिल के तेल से मालिश करें।
सौंफ या पुदीने का अर्क मिलाकर देने से उल्टी में आराम मिलेगा। अपच में सौंफ का पानी दें। डायरिया में उम्र और लक्षण के अनुसार हर एक घंटे में जायफल घिसकर और छाछ के साथ ईसबगोल व खिचड़ी के साथ दें।
शिशु रोग विशेषज्ञ
जयपुर डॉ. राकेश नागर
आयुर्वेद विशेषज्ञ
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान
जयपुर