मौका था अन्तरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर शिक्षा विभाग की ओर से किए गए नवाचार का। इसके तहत एक दिन के लिए छात्राओं को संस्था प्रधान बनने का मौका दिया गया। ताकि वे स्कूल संचालन की पूरी प्रक्रिया से रूबरू हो सके। स्कूल छात्राओं में जागरुकता जगाने के उद्देश्य किए गए नवाचार में छात्राओं ने उत्साह से भाग लिया। स्कूल प्रधानाचार्य सुमन आर्य ने बताया कि इस तरह के सराहनीय कदम से छात्राएं प्रोत्साहित होती है।
नईवाल बनी प्रिसिंपल
महारानी बालिका विद्यालय में कला वर्ग की कक्षा १२ वीं की होनहार छात्रा प्रतिभा नईवाल को प्रधानाचार्य के लिए चुना गया था। साथ ही उप प्रधानाचार्य का पद भी कक्षा १२ वीं की अक्षया सिंह को सौंपा गया। सबसे पहले प्रधानाचार्य की कुर्सी पर बैठते ही स्कूल स्टाफ ने उनका माला पहनाकर स्वागत किया। बाद में नईवाल ने स्कूल की कार्य प्रणाली को समीप से समझा। बाकायदा उन्होंने अपनी शैक्षिक टीम गठित की। इसमें अन्य छात्राओं को व्याख्याताआें की भूमिका में लिया गया। सुबह से लेकर दोपहर तक विषय शिक्षिकाओं की मिटिंग, कौन-कौन से विषय पढ़ाएंगे जाएंगे। प्रवेश रजिस्टर, ऑफिस ऑडर बुक सहित तमाम व्यवस्थाओं को समझा।
अनुशासन जरूरी है एक दिन की प्रधानाचार्य बनी प्रतिभा नईवाल ने बताया कि वे काफी उत्साहित है। शिक्षा विभाग का यह सराहनीय कदम है। इस कुर्सी पर बैठने पर पता चला कि कठोर महनत का कार्य है, इसमें सबसे अहम है अनुशासन बनाए रखना। एेसा अनुभव जो कभी नहीं भुलाया जा सकता। इसमें प्रिंसिपल से लेकर स्टाफ तक की कार्यशैली को समीप से जाना है।