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अकेले वोटर ही उदासीन नहीं रहे, प्रत्याशियों के अभिकर्ता भी कम पहुंचे मतदान केन्द्र

लोकसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत कम रहने का कारण वोटरों की उदासीनता को तो माना ही जा रहा है। अब इसमें राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं की निष्क्रियता का कारण भी जुड़ गया है। मतदान के बाद सामने आई संवीक्षा की समेकित रिपोर्ट से इसका खुलासा कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक 15 फीसदी मतदान […]

बीकानेरApr 30, 2024 / 10:16 pm

Vimal

लोकसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत कम रहने का कारण वोटरों की उदासीनता को तो माना ही जा रहा है। अब इसमें राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं की निष्क्रियता का कारण भी जुड़ गया है। मतदान के बाद सामने आई संवीक्षा की समेकित रिपोर्ट से इसका खुलासा कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक 15 फीसदी मतदान केन्द्रों पर मॉक पोल और मतदान के दौरान प्रत्याशी के अभिकर्ता मतदान केन्द्र में मौजूद ही नहीं थे। इनमें कुछ केन्द्रों पर तो शून्य अभिकर्ता और कुछ पर केवल एक प्रत्याशी के अभिकर्ता की उपिस्थति दर्ज हुई है।
मतदान के दिन प्रत्येक प्रत्याशी अपने प्रतिनिधि के रूप में प्रत्येक बूथ पर अभिकर्ता तैनात करता है। मतदान शुरू करने से पहले मॉक पोल होता है। इसमें अभिकर्ता की मौजूदगी में डमी वोट पोल कर उसकी वीवीपेट में पर्ची भी दिखाई जाती है। इससे ईवीएम मशीन के ठीक से काम कर रहे होने की भी जांच हो जाती है। मतदान के दौरान भी अभिकर्ता मौजूद रहकर वोटर डालने आने वाले की पहचान सत्यापन पर नजर रखते है। जिससे कोई फर्जी मतदान नहीं कर सके।
मतदान के दिन 19 अप्रेल को मॉकपोल की सामने आई रिपोर्ट ने भाजपा और कांग्रेस नेताओं के माथे पर पसीना ला दिया है। अभिकर्ताओं की गैर मौजूदगी वाले सबसे ज्यादा मतदान केन्द्र नोखा और कोलायत विधानसभा क्षेत्र में सामने आए है।
284 मतदान केन्द्रों पर अभिकर्ता नहीं

निर्वाचन विभाग की सामने आई संवीक्षा रिपोर्ट के अनुसार बीकानेर लोकसभा क्षेत्र के 1929 मतदान केन्द्रों में से 284 मतदान केन्द्रों पर मॉक पोल और मतदान के दौरान अभ्यर्थी का एक अभिकर्ता अथवा शून्य अभिकर्ता की स्थिति रही है।
पार्टियों के लिए चिंतन का विषय

भाजपा की पन्ना प्रमुख से लेकर बूथ प्रभारी तक पूरी टीम है। संगठन की ओर से मतदान के दिन पार्टी प्रत्याशी के अभिकर्ता तैनात किए जाते है। इसके लिए कई दिन पहले से कसरत शुरू हो जाती है। कांग्रेस का भी संगठनात्मक ढांचा गांव-ढाणी तक होने के दावे किए जाते है। अब मतदान के दौरान अभिकर्ता के मौजूद नहीं होने वाले बूथों के नाम सामने आ गए है। जो भाजपा और कांग्रेस दोनों के प्रत्याशी और जिला संगठन के लिए चिंतन का विषय बना हुआ है।
बीकानेर पश्चिम: छह केन्द्रों पर नहीं थे अभिकर्ता

बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में कुल 201 मतदान केन्द्रों पर मतदान हुआ। इनमें से छह मतदान केन्द्रों पर मॉक पोल और मतदान के दौरान एक भी अभिकर्ता मौजूद नहीं रहा है। यह मतदान केन्द्र संख्या 24, 25, 26 ए, 86, 88 और 112 था। वहीं मतदान केन्द्र संख्या 26, 31 ए, 34, 37, 44, 49, 50, 57, 62, 66, 72, 98, 100, 109, 110, 113, 126, 130, 137, 146, 157, 176 ए, 184 ए पर केवल एक-एक ही अभिकर्ता नदारद रहे।
बीकानेर पूर्व: 16 बूथों पर एकल अभिकर्ता

बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में 16 मतदान केन्द्र पर मॉक पोल और मतदान के दौरान एक-एक अभिकर्ता मौजूद रहे। यानि किसी एक दल का ही अभिकर्ता था, दूसरे दल का नहीं था। यह मतदान केन्द्र संख्या 3, 8, 17, 17 ए, 21 ए, 47, 47 ए, 78, 103, 104, 106 ए, 153 ए, 156 ए, 168, 188 ए रहे।
नोखा में 25 और कोलायत में 23 फीसदी

लोकसभा चुनाव के दौरान औसत 15 प्रतिशत मतदान केन्द्र ऐसे रहे, जिन पर शून्य या एक ही अभिकर्ता मौजूद रहा। परन्तु नोखा में ऐसे मतदान केन्द्र 25 प्रतिशत और कोलायत में 23 प्रतिशत से अधिक रहे है। अभिकर्ता की मौजूदगी की सबसे बेहतरीन स्थिति अनूपगढ़ विधानसभा क्षेत्र में रही है। यहां पर शून्य या एकल अभिकर्ता वाले मतदान केन्द्र केवल 7 प्रतिशत से भी कम रहे।

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