इस खेल में राशन कार्ड तो असली होता है, लेकिन आधार कार्ड नंबर एवं पोस मशीन में अंगूठा लगाने वाले पैसे वाले होते हैं। राशन सामग्री के गोरखधंधे में लिप्त उचित मूल्य दुकानदारों ने वितरण व्यवस्था में आधार कार्ड की अनिवार्यता का भी तोड़ निकाल लिया है। वे फर्जी आधार कार्ड लगाकर राशन उठा रहे हैं। इस खेल में मूल उपभोक्ता अनभिज्ञ रहता है। कई मामले तो एेसे भी सामने आए हैं, जिनमें एक व्यक्ति के नाम कई राशन कार्ड हैं।
गबन में भी हिस्सेदारी
गबन के इस खेल में हिस्सा बंट रहा है। ‘राजस्थान पत्रिका’ ने कुछ संदिग्ध राशन वितरण की एन्ट्री को खोजा तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। उचित मूल्य दुकानदारों ने एक-एक क्विंटल तक राशन का गेहूं उठा लिया और मूल उपभोक्ता को इसकी भनक तक नहीं लगने दी। ‘पत्रिका’ की पड़ताल में जब संबंधित व्यक्तियों के राशन कार्डों को देखा तो वे बिना एन्ट्री के मिले।
संबंधित व्यक्तियों को राशन उठने की सूचना तक नहीं थी। मोबाइल पर भी कोई मैसेज नहीं आया। सूत्रों की माने तो फर्जीवाडे़ के इस खेल में आधार और मोबाइल नम्बर किसी अन्य उपभोक्ता के डालकर राशन उठा लिया जाता है। एेसा नहीं है कि राशन कार्डों में सेंधमारी का काम कोई एक उचित मूल्य दुकानदार कर रहा है, बल्कि इसमें भी हिस्सेदारी बंटती है।
कहा, नहीं उठाया राशन
वार्ड ५३ के उपभोक्ता मोहम्मद विला (कार्ड नम्बर 103405301114) के वितरण संबंधी आंकड़ों को देखें तो इनके कार्ड से अक्टूबर 2016 से वर्तमान माह तक ३५० किलो गेहूं और करीब 28 लीटर केरोसिन उठा लिया गया है, जबकि उपभोक्ता इस बात से अनभिज्ञ है। इन्हें उचित मूल्य दुकानदार भैराराम भूटिया ( एफपीएस 18570), महफूज अली (एफपीएस20496), बसंत कुमार (एफपीएस 20493), आरआई खिलजी (एफपीएस 20497) तथा मुमताज खां (एफपीएस 26,686) द्वारा वितरण किया जाना दर्शाया गया है।
सूत्रों की मानें तो इनमें अधिकतर वितरण फर्जी आधार नम्बर से हुआ है। वार्ड 53 के ही उपभोक्ता मो.जावेद कादरी (कार्ड सं.103405301176) के खाते से भी नवम्बर-2016 से जून-2017 तक दो क्विंटल गेहूं और करीब 27 लीटर केरोसिन का वितरण अलग-अलग उचित मूल्य दुकानदारों द्वारा किया जाना दर्शाया गया है, जबकि उपभोक्ता का राशन कार्ड खाली है। युसूफ अली (कार्ड संख्या 103405301121) ने भी राशन नहीं उठाने की बात कही, जबकि इनके खाते से भी सैकड़ों किलो गेहूं और केरोसिन उठाया गया है।