रोगग्रस्त पशुओं का समय पर उपचार जरूरी बीकानेर. भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीसी) की ओर से अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत मंगलवार को गांव कल्यानसर अगुनी में पशु स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिविर और किसान गोष्ठी आयोजित की गई। इसमें १३५ महिला-पुरुष पशुपालक गाय-भैंसों व अन्य पशुओं के साथ शामिल हुए।
किसान गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए केन्द्र निदेशक डॉ. आर.के. सावल ने कहा कि भारत सरकार की इस योजना के मूल उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए अनुसूचित जाति क्षेत्रों में जरूरतमंदों का आधारभूत विकास करना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कृषि से ज्यादा पशुपालन पर अधिक निर्भरता देखी जा सकती है, ऐसे में पशुओं के स्वास्थ्य, उनकी देखभाल आदि के प्रति पशुपालक सजगता बरतें।