केस : 2
नाल व गजनेर पुलिस ने एक माह में अवैध शराब परिवहन कर ले जा रहे ट्रकों को पकड़ा। नाल पुलिस ने एक और गजनेर पुलिस ने दो ट्रक पकड़े। ट्रकों से करीब पौने दो करोड़ रुपए की खराब जब्त की गई। यह शराब अम्बाला व पंजाब से गुजरात ले जाई जा रही थी। अम्बाला से बीकानेर से करीब ५० से अधिक थाने हैं, इन सभी थानों के आगे से यह ट्रक बेखौफ गुजरे, लेकिन इन्हें जांचने वाला कोई नहीं था। वहीं चूरू पुलिस ने चार ट्रक पकड़े, जिनमें भी करीब पौने दो करोड़ रुपए की शराब थी।
बीकानेर. शराब, डोडा-पोस्त व नशीली दवा तस्करों के खिलाफ पुलिस की लगातार कार्रवाई से तस्कर डरे हुए हैं। तस्करों ने पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए अब रूट बदल दिए हैं। शराब और डोडा-पोस्त व नशीली दवाओं की तस्करी करने वाले तस्कर अब नए रूटों से चलते हैं। पुलिस इन रूटों पर निगरानी बढ़ा रही है, लेकिन सफलता नहीं मिल रही।
पुलिस विभाग ने संगठित अपराधों, तस्करी पर नकेल कसने के लिए हर जिले में एक जिला स्पेशल टीम गठित कर रखी है। इसके बावजूद तस्करों पर लगाम नहीं लग रही है। तस्करी के मामले घटने की बजाय बढ़ रहे हैं। यह पुलिस विभाग के आंकड़े बताते हैं। वर्ष 2017 में बीकानेर संभाग में एनडीपीएस के 216 मामले और वर्ष २०19 में 586 मामले दर्ज हुए। इस लिहाज से दो साल में 171.30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है, लेकिन कार्रवाई बेहद कम। हैरत करने वाली बात है कि डोडा-पोस्त, शराब व नशीली दवाओं के मुख्य तस्कर पुलिस की पकड़ से कोसों दूर है। पुलिस महज नशीला पदार्थ इधर-उधर ले जाने वालों को पकड़ कर गौरवान्वित महसूस कर रही है।
अवैध शराब व डोडा-पोस्त के वाहन राजमार्ग स्थित थानों के आगे से बेधड़क गुजरते हैं, लेकिन पुलिस व प्रशासन की लापरवाही से कई थानों के आगे से गुजरने के बाद ही ट्रक पकड़े जाते हैं। राजमार्गों पर हरियाणा, पंजाब व अन्य राज्यों से अवैध डीजल व पेट्रोल परिवहन के साथ अवैध शराब और अन्य मादक पदार्थों की तस्करी की जाती है। वहीं जैसलमेर, बाड़मेर की तरफ से पोस्त, अफीम व अन्य मादक पदार्थ की तस्करी की जा रही है। राजमार्गों पर पुलिस ओवरलोड व अवैध वाहनों की जांच के नाम पर खानापूर्ति कर रही है।
पहले शराब तस्कर पंजाब-हरियाणा से सूरतगढ़, राजियासर, महाजन, लूणकरनसर व जामसर से हुसंगसर होते हुए नाल की तरफ जाते थे। अब सूरतगढ़ से बिरधवाल हैड होते हुए सत्तासर, छत्तरगढ़ होकर वापस बीकानेर की तरफ से नाल व गजनेर होकर निकल रहे हैं। इसी तरह डोडा-पोस्त व नशीली दवाओं का कारोबार करने वाले बाड़मेर, नागौर, नोखा से गांवों के रास्ते बीकानेर पहुंचते हैं और यहां से गांवों के रास्ते श्रीगंगानगर व पंजाब जा रहे हैं। संभाग के चारों जिलों में एनडीपीएस के मामले बढ़े हैं। चारों जिलों में जनवरी में ही चौंकाने वाले मामले सामने आए।
बीकानेर
वर्ष मामले
२०18 ०१
२०19 ०७
२०20 १०
श्रीगंगानगर
२०18 13
२०19 20
२०२० 35
हनुमानगढ़
२०18 10
२०19 ०8
२०20 16
चूरू
२०18 –
२०19 ०८
२०20 ०३
बीकानेर रेंज
२०18 24
२०19 43
२०20 64
(21 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज) पुलिस की मिलीभगत की आशंका
तस्करी के मामले बढ़ रहे हैं। इसमें पुलिस की मिलीभगत की आशंका झलकती है। पुलिस की कार्रवाई के दौरान आरोपी भाग निकलते हैं और पुलिस केवल माल बरामदगी करती है। इस तरह की कार्रवाई पुलिस को संदेह के घेरे में लेती है। हाल ही बज्जू थाने के पूर्व सीआइ का निलंबित होने का मुख्य कारण माफियाओं से सांठ-गांठ रहा है।
सवाल : तस्करी के मामले बढ़ रहे हैं, क्या पुलिस का तस्करों में खौफ नहीं है।
जवाब : तस्करों के खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। पुलिस के खौफ से तस्कर नए-नए रूट तलाश रहे हैं।
सवाल : मुख्य तस्कर पुलिस की पकड़ में क्यों नहीं आते?
जवाब : नशीले पदार्थों को लाने-ले-जाने के लिए मुख्य तस्कर किराए की गाडिय़ों और अपने गुर्गों का इस्तेमाल करते हैं। पकड़े जाने वाले व्यक्ति मुख्य तस्कर को पहचानते तक नहीं। इसलिए वे बच निकलते हैं।
सवाल : नशा युवा पीढ़ी को अपराध जगत में धकेल रहा है, इससे पार कैसे पाएंगे।
जवाब : नशा युवा पीढ़ी को गिरफ्त में ले रहा है। नशे का कारोबार करने वालों पर और सख्ती करेंगे। पुलिस के साथ परिवार व समाज भी नशे पर प्रतिबंध लगाए, तभी युवा पीढ़ी को बचा पाएंगे।