हैरत की बात यह रही कि इसकी भनक राज्यकर विभाग के अधिकारियों ने आबकारी विभाग के अधिकारियों को भी नहीं लगने दी। कार्रवाई के बाद राज्यकर विभाग के दफ्तर को रात साढ़े नौ बजे खोला गया, जहां आबकारी विभाग के अधिकारियों को बुलाकर उन्हें १८ प्रकरण सौंपे गए। सभी दुकानों के स्थान और उनके प्राधिकार पत्र का उल्लेख करते हुए राज्यकर विभाग के अधिकारियों ने आबकारी अधिकारियों को पत्रावली सौंपी।
18 अधिकारियों की टीम
राज्यकर विभाग के संयुक्त आयुक्त सीपी मीणा के निर्देश पर 18 अधिकारियों व कर्मचारियों का लवाजमा अलग-अलग दुकानों पर पहुंचा। अधिकारियों को उस समय हैरानी हुई, जब उन्हें सभी १८ दुकानों पर अंकित मूल्य से अधिक शराब की कीमत चुकानी पड़ी। एक अधिकारी की मानें तो प्रत्येक शराब की बोतल पर 25 से 50 रुपए अधिक लिए जा रहे थे।
जारी रहेगी कार्रवाई
संयुक्त आयुक्त मीणा ने बताया कि शराब की बोतल पर अंकित अधिकतम मूल्य से अधिक कीमत नहीं ली जा सकती, लेकिन अधिकतर दुकानों पर शराब की अधिक कीमत ली जा रही है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार का अभियान लगातार जारी रखा जाएगा। भविष्य में अगर किसी शराब दुकान पर अधिक कीमतें वसूलने की शिकायत मिली तो दुकानदार के खिलाफ प्रकरण बनाकर उसकी रिपोर्ट आबकारी विभाग और राज्य सरकार को भेजी जाएगी।
शराब की दुकानों पर अंकित मूल्य से अधिक कीमत वसूलने की करतूत नई नहीं है। जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम ने भी निरीक्षण में इस बात की पुष्टि की थी। कलक्टर की शिकायत के बाद संबंधित दुकान संचालक को महज नोटिस देकर इतिश्री कर ली गई।