सैनिकों ने निशानेबाजी, एक कमांड के नीचे काम करने, रेतीले धोरों जैसे दुर्गम क्षेत्र में खुद को चुस्त-दुरुस्त रखने का अभ्यास किया। संयुक्त राष्ट्र नियमों के तहत चल रहा संयुक्त सैन्य अभ्यास 10 फरवरी तक चलेगा।
रविवार को शुरू हो रहे इसके दूसरे चरण में संयुक्त सैन्य टुकड़ी युद्ध क्षेत्र में रणकौशल का अभ्यास करेगी। यह काफी जोखिम भरा और निर्णायक सैन्य ऑपरेशन वाला रहेगा।
रेतीले धोरों के बीच कृत्रिम बने आबादी क्षेत्र में आतंकियों के हमला करने पर निपटने का होगा। अब युद्ध के दौरान दुश्मन को चकमा देने, उसकी स्टीक लॉकेशन का पता लगाने और आमजन को सुरक्षित बचाते हुए सैन्य ऑपरेशन करने का रहेगा।
युद्धाभ्यास 29 जनवरी को शुरू हुआ था। अब 10 फरवरी तक चलेगा। भारतीय सेना इससे पहले जनवरी में ही यूएई के साथ युद्धाभ्यास कर चुकी है। हर साल महाजन में विदेशी सेना के साथ ऐसे युद्धाभ्यास होते है। रूस, फ्रांस, अमेरिका, यूएई, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों के साथ युद्भाभ्यास से भारतीय सेना ने विदेशी सेनाओं की तकनीक और युद्ध रणनीति को सीखा है।