
lathi use illeagal
नई दिल्ली: अगर आप दुपहिया वाहन चलाते हैं तो आपने भी नोटिस किया होगा कि ट्रैफिक पुलिस अक्सर नियम तोड़ने वालों को रोकने के लिए वाहन पर डंडा मारती है , लेकिन अब ऐसा करना गैरकानूनी होगा और ट्रैपिक पुलिस को इस तरह से डंडे का इस्तेमाल नहीं करने का आदेश दिया गया है। ये आदेश केरल हाइकोर्ट ने दिया है जिसके मुताबिक 1 दिसंबर 2019 से वाहनों पर इस तरह से डंडे का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं होगी।
केरल हाईकोर्ट ने 1 दिसंबर 2019 से दुपहिया वाहन सवारों और पिलियन सवारों के लिए हेलमेट अनिवार्य कर दिया गया है वहीं अब पुलिस द्वारा वाहनों को रोकने, पीछा करने अथवा उनपर लाठी चलाने संबंधी कानून भी लागू कर रही है। केरल हाईकोर्ट ने पुलिस अधिकारियों को ऐसा करने से मना कर नियम तोड़ने वालों को पकड़ने के लिए आधुनिक तकनीकि का इस्तेमाल करने की बात कही है।
यह फैसला अदालत ने मलप्पुरम, केरल के एक 18 वर्षीय याचिकाकर्ता को जमानत देने के मद्देनजर किया था। दरअसल याचिकाकर्ता का कहना था कि बिना हेलमेट बाइक चलाने पर पुलिस उन्हें पकड़ने की कोशिश कर रही थी और बचने की कोशिश में गाड़ी एक कार से टकरा गई । याचिकाकर्ता का कहना है कि अगर पुलिस बाइक का हैंडलबार न पकड़ती तो इस घटना से बचा जा सकता था।
दरअसल ऐसा देखा गया है कि कई बार ऐसा करने की वजह से कई दुर्घटनाएं हुई हैं और कई वाहन चालकों की जान चली गई है। यही वजह है कि हाईकोर्ट ने इसे गैरकानूनी बताया है। कोर्ट का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस ऐसा करके न सिर्फ अपनी बल्कि वाहन चालक और सड़क पर चल रहे अन्य लोगों की जान को भी खतरे में डालते हैं।
कोर्ट ने मोटर व्हीकल (ड्राइविंग) रेगुलेशन 2017 का हवाला देते हुए कहा है कि यह साफ़ लिखा है कि ट्रैफिक अपराधियों को राज्य सरकार द्वारा नियुक्त ट्रैफिक पुलिस या किसी अन्य अधिकृत अधिकारी द्वारा सही तरीके से जांच के लिए कैसे रोकना चाहिए।
इस तरह से पता लगाया जाएगा अपराधियों का-
अपराधियों का पता लगाने के लिए पुलिस द्वारा डिजिटल सिग्नलिंग डिवाइस जैसे डिजिटल वीडियो कैमरा, सर्विलांस कैमरा, मोबाइल फोन के कैमरे का इस्तेमाल कर गाड़ी और उसके मालिक की जानकारी निकालने का आदेश दिया है।
Updated on:
20 Dec 2019 04:17 pm
Published on:
22 Nov 2019 12:46 pm
बड़ी खबरें
View Allबाइक रिव्यूज
ऑटोमोबाइल
ट्रेंडिंग
