
bike helmet
नई दिल्ली: जहां एक और हेलमेट न लगाने पर पूरे देश में चालान काटे जा रहे हैं और लोगों को हेलमेट लगाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। वहीं गुजरात के शहरों में हेलमेट लगाने राइडर की मर्जी पर होगा। गुजरात के मंत्री आर सी फाल्दू ने आदेश दिया है कि शहर के अंदर दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनना अल्टरनेटिव होगा यानि अब ये राइडर की मर्जी पर होगा और इसके लिए किसी भी तरह का चालान नहीं काटा जा सकेगा। हालांकि राजमार्ग और गांव की सड़कों का उपयोग करने वालों को हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा।
परिवहन मंत्री का कहना है कि शहर के अंदर हेलमेट की अनिवार्यता को हटाने के लिए उन्हें लोगों के कई अनुरोध आ रहे थे, जिसके बाद उन्होंने यह फैसला लिया। गुजरात पहला राज्य है जहां पिलियन राइडर को हेलमेट न लगाने की छूट दी गई है। नए मोटर वाहन अधिनियम के तहत बाइक चालक और पिलियन राइडर को हेलमेट पहनना अनिवार्य है। संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 194D के तहत अब बिना हेलमेट के 1000 रुपये तक का जुर्माना और तीन महीनों के लिए लाइसेंस रद्द हो सकता है।
इसके साथ ही गुजरात सरकार ने बाइक या स्कूटर पर तीन लोगों को बैठने की भी छूट दे दी है। यानी कि शहरी इलाकों में दोपहिया वाहन पर तीन लोग बिठाने पर कोई जुर्माना नहीं देना होगा।
हालांकि सरकार का कहना है कि शहरों में लोग कम दूरी के लिए बाइक और स्कूटर का इस्तेमाल करते हैं लेकिन जिस तरह से पहले सरकार ने राज्य के नागरिकों की मांग पर मोटर व्हीकल एक्ट के चालान को कम किया और अब लोगों की मांग पर हेलमेट लगाने की अनिवार्यता तो खत्म करना जो कि लोगों की सुरक्षा के लिहाज से बेहद जरूरी है। सरकार के उस रवैया पर लोग सवालिया निशान लगा रहे हैं।
दरअसल यातायात नियम लोगों की सुरक्षा के लिए होते हैं जिसमे छूट देना लोगों की जान से खिलवाड़ करने जैसा है। ऐसे में सरकार का लोगों की गलत मांगों को समर्थन देना नागरिकों के लिए सही फैसला नहीं कहा जा सकता है। गुजरात सरकार के इस फैसले के बाद बाकी राज्यों में भी मोटर व्हीकल एक्ट के तहत हेलमेट पहने से छूट दिए जाने की मांग उठने लगी।
Updated on:
06 Dec 2019 01:28 pm
Published on:
06 Dec 2019 01:27 pm
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