
नई शिक्षा नीति 2020 पर प्रेस वार्ता ।
कुलपति चक्रवाल ने बताया कि नई शिक्षा नीति-2020 के तहत वोकेशनल और स्किल ट्रेनिंग के लिए प्रॉपर प्लेटफॉर्म दिया गया है। इसी तरह मल्टीडिसीप्लीनरी एजुकेशन से किसी भी विषय के विद्यार्थी कोई भी विषय में पीएचडी कर सकता है। कहा कि एक शिक्षक के जीवन में तीन चीजें शामिल होती हैं, पहला कक्षा में सही चीजें पढ़ाएं, दूसरा अच्छा रिसर्च करना, तीसरा जो ज्ञान पुस्तक व शोध के माध्यम से अर्जित किया, उसका लाभ समाज तक पहुंच रहा है या लेबोरेटरी में ही सीमित रह जा रहा है। इसका ध्यान रखा जाए। इस बात को पीएम द्वारा कहे गए वाक्या से जोड़ते हुए कहा कि कि लैब टू लैंड तो होता है पर इसका दूसरा तरीका है लैंड टू लैब। यानी लैब से ग्राउंड लेवल पर काम हो रहा है, लेकिन ग्राउंड से लैब तक भी काम किया जा सकता है। जैसे जो इलेक्ट्रिशियन, मेकेनिक या सिविल का काम करता है, उससे छात्रों को लाभ दिला सकते हैं, जो हमारे विवि के छात्र समाज को भी दे सकेंगे। हमारी शिक्षा पद्धति में कहीं न कहीं प्रैक्टिकल जानकारी की कमी है। बच्चें पढ़ाई कर रहे हैं और आगे सोचते रहे कि नौकरी मिले, पर नौकरी जिस फील्ड में चाहिए उस फील्ड में के लिए ठीक सें ट्रनिंग हो रही है या नहीं ये इस पर ध्यान देना होगा। इसलिए छात्रों को प्रैक्टिक ट्रेनिंग होनी चाहिए, ताकि वे ग्राउंड पर जाएं तो अपने ज्ञान का प्रयोग कर सकें।
छात्र मशरूम का प्रोडक्शन, मछली पालन, ऑर्गेनिक साबुन बना रहे
उन्होंने बताया कि स्वावलंबी छत्तीसगढ़ अभियान से 4 हजार विद्यार्थी जुड़ चुके हैं। इस तरह पढ़ाई करते-करते कुछ काम कर रहे हैं, जिससे फीस व जेब खर्च निकल रहा है। विश्वविद्यालय में राखियों का प्रोडक्शन चल रहा है। इसी तरह मशरूम का प्रोडक्शन, मछली पालन, ऑर्गेनिक साबुन बना रहे हैं। फॉरेस्ट्री के बच्चे बैंबू से नई-नई तरह की क्रिएटिव चीजें बना रहे हैं। कई ऐसे हैं जो सॉफ्टवेयर बनाने का काम कर रहे हैं।
40 से अधिक कोर्स ऑनलाइन
नई शिक्षा नीति के तहत छात्र 40 से अधिक कोर्स ऑनलाइन पढ़ सकते हैं। एक विद्यार्थी अनेक विवि से पढ़ाई कर सकता है, इसके साथ ही मल्टिपल एंट्री और एक्जिट का ऑप्शन भी है।
Published on:
16 Jul 2023 12:12 am
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