मौके पर काम कर रहे मजदूरों ने घायल मजदूरों को उपचार के लिए नजदीकी हॉस्पिटल ले गए। वहीं तीन मजदूरों को उपचार के लिए सिम्स लाया गया। जांच के दौरान सिम्स के डॉक्टरों ने अर्जुन पिता पदुम सिंह निवासी नूनेरा पाली को मृत घोषित कर दिया वहीं दो अन्य घायल देवन्द्र सिंह पिता महेश (24) व हेमंत पिता लक्ष्मी मोरगे का उपचार चल रहा है।
अव्यवस्था एक बार फिर हुई उजागर
जिले का सबसे बड़ा हॉस्पिटल व खुद का विद्युत सब स्टेशन होने के बाद भी सिम्स में लाइट की व्यवस्था खस्ता हाल है दुर्घटना में घायल मजदूरों को जब सिम्स लाया गया तो लाइट गोल थी। मरीजों को अंदरूनी चोट आई है या नहीं इसके लिए एक्स-रे करवाना था। लेकिन लाइट नहीं होने के कारण मजदूरों का एक्सरे नहीं हो सका।
सिम्स में लापरवाही का आलम यह है कि आधे घंटे से लाइट गोल रही और सांसद घायलों से मिलने सिम्स पहुंच गए लेकिन लाइन की व्यवस्था को दुरुस्थ करने लाइन मैन नहीं पहुंचा। सांसद की फटकार के दौरान प्रभारी एमएस लाइन मैन को तत्काल लाइन शुरू करे नहीं तो सस्पेड कर दूंगा की धमकी देते रहे।
सेंट्रिंग को रॉड के सहारे बांधा गया
बताया जा रहा है कि एनएचएआई के ठेकेदारों की गंभीर लापरवाही के चलते एक मजदूर की मौत हो गई। वहीं 5 मजदूर घायल हो गए। सेंट्रिंग रॉड को बांधने के लिए पाइप की जगह पर सरिया का ही इस्तेमाल किया गया था। इससे राड में मजबूती नहीं आ सकी और वह हवा का दबाव पड़ते ही काम कर रहे मजदूर के ऊपर गिर गया ।
डीबी इंफ्राइस्ट्रक्टर करा रहा काम
लोखड़ी फाटक के पास चल रहे 6 लेंथ का ठेका आडानी ग्रुप को मिला है। आडानी ग्रुप के इस प्रोजेक्ट को बिलासपुर की लोकल निर्माण कम्पनी डीबी इंफ्राइस्ट्रक्टर कांट्रेक्टर सनील सिंह इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में लगे हुए है। घटना स्थल पर मजदूरों की सुरक्षा संबंधी कोई भी इंतजाम नहीं किया गया था इसके चलते यह हादसा हो गया।
8.12 करोड़ की लागत से हो रहा निर्माण
लोखडी फाटक के पास बन रहे 6 लेंथ निर्माण कार्य पेंड्रीडीह से तुकार्डीह कोनी तक बन रहे निर्माण कार्य 850 मीटर लम्बा व लागत 8.12 करोड रुपए की है।