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बिलासपुर

शॉवेल रिपेयर के लिए बीएसपी नहीं दे रहा 30 लाख, 113 कर्मी खतरे में

समस्या: हिर्री डोलोमाइट माइंस का हाल

बिलासपुरSep 04, 2018 / 05:48 pm

Amil Shrivas

bhilai steel plant

शॉवेल रिपेयर के लिए बीएसपी नहीं दे रहा 30 लाख, 113 कर्मी खतरे में

धरना-प्रदर्शन कर प्रबंधन का ध्यान आकृष्ट करा चुके हैं कर्मचारी

बिलासपुर. देश की ख्याति प्राप्त और नवरत्नों में शुमार भिलाई स्टील प्लांट (बीएसपी) द्वारा शॉवेल रिपेयर के लिए महज 30 लाख रुपए का भुगतान नहीं किए जाने के कारण जिले की एकमात्र डोलोमाइट खदान हिर्री के 113 कर्मचारियों की जान सांसत में है। खदान के कर्मचारी व शॉवेल ऑपरेटरों का कहना है कि इस बात की जानकारी बीएसपी प्रबंधन को पिछले 6 महीने से लगातार दी जा रही है। इसके बावजूद अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। प्रबंधन की ओर से सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है। अगर जर्जर मशीनों से इसी प्रकार काम काम लिया जाता रहा, तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इस बात की शिकायत श्रमायुक्त से भी की गई है, 6 सिंतबर को मामले की सुनवाई होनी है। भिलाई स्टील प्लांट की एकमात्र डोलोमाइट खदान हिर्री में सिर्फ मशीनों की रिपेयरिंग एकलौती समस्या नहीं है। शोषण और समस्याओं की फेहरिस्त लंबी है। हिंदुस्तान स्टील एंप्लाइज एसोसिएशन 15 सूत्रीय मांगों को लेकर 31 अगस्त को घेराव और धरना प्रदर्शन भी कर चुका है। एसोसिएशन के सदस्यों का कहना है मांगों पर सहमति नहीं बनी तो अनिश्चितकालीन हड़ताल ही एकमात्र विकल्प होगा। हिर्री माइंस में जर्जर मशीनें, कर्मचारियों को वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन, संविलियन समेत 14 सूत्रीय मांगों को लेकर आक्रोश है।
6 महीने से शॉवेल का रिपेयर नहीं
हिर्री माइंस में शॉवेल नंबर 14 पिछले 6 महीने से खराब है। शावेल 12 का मरम्मत कार्य 8 महीने से नहीं किया गया है। वहीं शॉवेल नंबर 6 भी 2 महीने से ब्रेकडाउन की स्थिति में है। इसके बावजूद बीएसपी प्रबंधन इन शॉवेलों से पत्थर हटाने जैसा जटिल काम करा रहा है, जबकि इनका उपयोग मिट्टी हटाने के काम में किया जाता है। शॉवेल नंबर 12 की स्थिति तो इतनी खराब है कि ऑपरेटर केबिन में ऑयल का लिकेज लगातार हो रहा है। वहीं 6 नंबर शॉवेल का कै नोपी नहीं है। ऑपरेटर के बैठने की सीट के साथ वाल्ब लीवर पूरी तरह से खराब हो चुका है। शॉवेल का रिपेयर नहीं होने से उत्पादन कार्य तो प्रभावित हो ही रहा है, ऑपरेटरों की जान भी जा सकती है।
30 लाख का खर्च बता बीएसपी पीछे हटा
सीटू के सहसंयोजक पार्थसारथी दास ने कहा है कि भेल 30 लाख का खर्च बता शॉवेल रिपेयर नहीं करा रहा है। इस संबंध में बीएसपी प्रबंधन को कई बार जानकारी दी गई, पर कुछ नहीं किया गया। माइंस की हालत इतनी खराब है कि मिट्टी हटाने वाले मशीनों से पत्थर तोडऩे का काम लिया जा रहा है। मैनपावर की भी भारी कमी है। साप्ताहिक अवकाश के दिनों में भी कर्मचारियों को काम पर बुलाया जाता है।
लापरवाही से कर्मियों में बढ़ रही नाराजगी
बीएसपी प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा भुगतने के लिए अब कर्मचारी तैयार नहीं हैं। अगर 6 सिंतबर को लेबर कमिश्नर इस मामले का कोई सकारात्मक समाधान निकलाते हैं, तो ठीक। अन्यथा, अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं है।
महेशधर शर्मा, संयोजक, हिंदुस्तान स्टील एंप्लाइज यूनियन, हिर्री

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