बिलासपुर

अब रायपुर के नंदनवन में गूंजेगी कानन के वासु-वसुधा की दहाड़

बुधवार को रायपुर नंदनवन से दो अधिकारी कानन पेंडारी आए।

बिलासपुरJan 04, 2018 / 11:39 am

Amil Shrivas

बिलासपुर . कानन पेंडारी के लायन (शेर) वासु और वसुधा को हमेशा के लिए यहां से विदा कर दिया गया। बुधवार की शाम 6.30 बजे उन्हें रायपुर के नंदनवन के लिए रवाना किया गया। वे अब नंदनवन का कुनबा बढ़ाएंगे। इसके बाद सफेद शेर का एक पेयर भी कानन से जंगल सफारी भेजा जाना है। इसके लिए सीजेडए की अनुमति का इंतजार है। शाम के समय कानन पेंडारी के अधिकारी-कर्मचारी वासु और वसुधा को विदा करने के लिए गेट तक आए। वासु-वसुधा के जाने से कानन के लोग मायूस नजर आ रहे थे। उन्होंने दुखी मन से लायन को बाय-बाय किया। तीन साल पहले कानन पेंडारी में पृथ्वी व वसुंधरा ने मिलकर वासु और वसुधा को जन्म दिया। दोनों साथ खेले खाए और बड़े हुए। कानन पेंडारी के अधिकारियों का कहना है तीन साल की उम्र में शेर जवान हो जाते हैं। उनके बीच ब्रीडिंग कराया जाता, इस बीच सीजेडए से दोनों शेर को रायपुर नंदनवन भेजने का पत्र आ गया। इससे उनके केज भी अलग करने पड़े। बुधवार को रायपुर नंदनवन से दो अधिकारी कानन पेंडारी आए। वासु और वसुधा का स्वास्थ्य परीक्षण किया। उन्हें भोजन कराया गया।
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इसके बाद शाम 5 बजे उन्हें केज से बाहर निकालकर वाहन में शिफ्ट किया गया। फिर शाम 6.30 बजे गाड़ी कानन पेंडारी से बाहर सड़क तक लाई गई। यहां गेट पर बिलासपुर व रायपुर के अफसरों ने हाथ मिलाया। इसके बाद कानन पेंडारी के सभी अधिकारी-कर्मचारियों ने वासु वसुधा को उनके नाम से पुकारते हुए बाय-बाय किया। विदाई की इस बेला में कानन पेंडारी के प्रभारी सुनील बच्चन, अधीक्षक एचबी खान, डॉ. पीके चंदन सहित दो दर्जन कर्मचारी उपस्थित थे। इनके जाने से शहरवासी भी मायूस थे।
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