रतनपुर स्थित भैरव बाबा मंदिर के मुख्य पुजारी पं. जागेस्वर अवस्थी ने बताया कि भगवान शिव को शमी पत्र, बेलपत्र, सफेद आंक की पुष्प, धतूरे का पुष्प, कनेर का पुष्प अति प्रिय है। इन पुष्प को हो सके तो जितना ज्यादा हो सके चढ़ाएं और इन 8 नामों को पुष्प चढ़ाते हुए बोलते जाइए ऊं भवाये नम: ऊं सर्वाये नम: ऊं रुद्राय नम: ऊं पशुपति नम: ऊं उग्राये नम: ऊं महानाये नम: ऊं भीमाये नम: ऊं इसनाये नम:। लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए कमल, बेलपत्र, सतपत्र, शंखपुष्पी से शिवजी की पूजा करें, इसमें संशय नहीं है।
आयु की इच्छा वाले दूर्वा से पूजा करें
आयु की इच्छा वाले दूर्वा द्वारा भगवान शिव की पूजा करें। पुत्र की अभिलाषा हो वह धतूरे की फूलों से पूजा करें । लाल डंठल वाला धतूरा पूजन में सुखदायक माना गया है पुरुष की महान यश की प्राप्ति होती है । तुलसीदल से पूजा करें तो उपासक को भोग और मोक्ष दोनों सुलभ हो जाते हैं। चमेली के फूल से शिवजी की पूजा करने से मनुष्य को वाहन की उपलब्धता होती है। एक लाख बेलपत्र चढ़ाने पर मनुष्य अपनी सारी कामनाएं प्राप्त कर लेता है।
हरसिंगार के फूलों से पूजा करने पर सुख संपत्ति वृद्धि होती है। महादेव के ऊपर चावल चढ़ाने से लक्ष्मी प्राप्ति होती है यह चावल अखंडित होनी चाहिए और उन्हें उत्तम भक्ति भाव से शिव के ऊपर चढ़ाना चाहिए रूद्र प्रधान मंत्र से पूजा करने की भगवान शिव जी के ऊपर बहुत पसंद वस्त्र चढ़ाएं उसी पर चावल रखकर समर्पित करें तो उत्तम है और भगवान शिव के ऊपर गंध पुष्प आदि के साथ एक श्रीफल चढ़ाकर धूप आदि निवेदन करें तो पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है।