बिलासपुर . छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल गौतम चौरडिय़ा ने जनवरी से मार्च 2018 की तिमाही प्रगति रिपोर्ट जारी की है। प्रगति रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि हाईकोर्ट में पिछली तिमाही में नौ हजार 74 केसों को निराकृत किया गया है। पिछली तिमाही में 10 हजार 886 नए प्रकरण पंजीकृत किये गए हैं। उन्होंने बताया कि पांच साल पुराने केसों में 1 हजार 146 केस निराकृत किये गए। वहीं 7 साल पुराने प्रकरणों में 630 और दस पुराने प्रकरणों में 3 सौ 70 प्रकरणों का निराकरण किया गया। मीडिएशन के लिये कुल 38 प्रकरणों को रेफर किया गया जिसमें से 2 प्रकरण निराकृत किये गये। रजिस्ट्रार जनरल ने बताया कि पिछली तिमाही में न्यायिक अधिकारियों के 43 पदों पर भर्ती की गई जिसमें से 38 सिविल जजों कि नियुक्ति की गई और 5 पदों पर पदोन्नति से भर्ती की गई। उन्होंने बताया कि प्रत्येक शनिवार को स्पेशल बेंच गठित की जाती है जो ये सुनिश्चित करती है कि किन आपराधिक मामलों में विधिक सहायता प्रदान की जा सकती है। स्पेशल बेंच द्वारा कुल 29 प्रकरण और सिंगल बेंच द्वारा कुल 57 प्रकरणों को निराकृत किया गया है। हाईकोर्ट द्वारा दो प्रकरणों में स्वत संज्ञान लेकर पीआईएल रजिस्टर्ड की गई जिसमें से एक जशपुर जिले के कांसाबेल में बाल अधिकार संरक्षण से संबंधित है। चौरडयि़ा ने बताया कि नियमानुसार अनुपयोगी पुराने रिकॉड्र्स को नष्ट करने की कार्रवाई भी जारी है।
डिजिटल हो रहा कामकाज : चौरडिय़ा ने बताया कि हाईकोर्ट में डिजिटलाइजेशन का काम बहुत तेजी से किया जा रहा है। 92 हजार 782 फाईल को स्कैन कर लिया गया है। 54 लाख 54 हजार 713 इमेज को स्कैन किया जा चुका है। कुल 20 लाख 55 हजार 823 इमेज वेरीफाई कर ली गई हैं। निचली अदालतों में पिछली तिमाही में कुल 54 हजा 649 प्रकरणों को निराकृत किया गया। पिछले पांच से दस साल पुराने कुल 2 हजार 687 प्रकरणों को और दस साल से ज्यादा पुराने 1 हजार 661 प्रकरणों को निराकृत किया गया। छत्तीसगढ़ राज्य ज्यूडिशियल अकादमी द्वरा कुल 7 कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमें 4 सौ 94 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।