नवंबर 2022 में बंधवापारा में रहने वाले लोगों समेत नारी शक्ति टीम ने निजी स्कूल से 100 मीटर से कम दूसरी पर स्थित सरकारी शराब दुकान को हटाने आंदोलन छेड़ा था। महिलाओं समेत मोहल्ले वासियों ने एक सप्ताह तक धरना प्रदर्शन किया। आबकारी विभाग और जिला प्रशासन की ओर से अधिकारी लगातार लोगों को समझाइश देते रहे कि 1 अप्रैल 2023 से दुकान को दूसरी जगह शिट कर दिया जाएगा। इस आंदोलन में शराब दुकान का विरोध करने वाले संजय सिंघानिया ने महात्मा गांधी की वेषभूषा में अनशन शुरू किया था और 2 दिसंबर तक दुकान हटाने की चेतावनी देते हुए चिता पर लेटकर अनशन जारी रखा था। अधिकारियों के आश्वासन के बाद आंदोलन खत्म कर दिया गया था। अब हाईकोर्ट ने स्कूलों के पास खुली शराब दुकानों को हटाने का फरमान जारी कर दिया है। इसके बाद भी विभाग के अधिकारी शराब दुकान को हटाने में रुचि नहीं ले रहे हैं।
किराए पर देने वाले से भी लिखवाया बंधवापारा में सरकारी शराब दुकान निजी जमीन पर है। आंदोलन के बाद जमीन मालिक ने दोबारा उक्त स्थान को शराब दुकान के लिए किराए पर नहीं देने की बात कहते हुए लिखित में आबकारी विभाग से आवेदन किया था। इसके बाद भी आबकारी विभाग ने उसी जगह वित्तीय वर्ष 2023-24 और अब 2024-25 के लिए शराब दुकान खोल दी है।
सिर्फ चखना दुकान हटाया प्रदेश में सरकार बदलने के बाद दिसंबर 2023 में नगर निगम ने शराब दुकान के पास खुले अवैध चखना दुकानों को हटाने का काम शुरू किया था। इस कार्रवाई में निगम के साथ आबकारी विभाग के अधिकारी भी शामिल थे, लेकिन शराब दुकान हटाने के नाम पर कागजी कार्रवाई तो दूर अधिकारियों ने रायपुर में बैठे अधिकारियों से चर्चा तक नहीं की।
शिटिंग के नाम पर झुनझुना , लोग भी भूल गए आबकारी विभाग ने लोगों को शराब दुकान अशोक नगर से बिरकोना मार्ग पर सुनसान जगह पर शिट करने का आश्वासन तो दिया था, लेकिन दुकान हटाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। आंदोलन के बाद दो वित्तीय वर्ष भी बीत गए, लेकिन आंदोलन करने वाले भी शराब दुकान संचालित होने का विरोध करने की बजाए चुप्पी साधे बैठ गए हैं।
आबकारी विभाग एडीओ कल्पना राठौर का कहना है कि इस संबंध में जानकारी नहीं है। जानकारी लेकर कुछ बता पाऊंगी।