ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुविद डॉ.दीपक शर्मा ने बताया कि सूर्य ग्रहण की खास बात यह है कि ग्रहण से १२ घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाएगा। यानि कि २५ दिसंबर की शाम से ही सूतक काल प्रभावी हो जाएगा। जो 26 संबर तक जारी रहेगा। ग्रहण काल में सावधानी रखकर ही कार्य करना उत्तम रहेगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष पांच ग्रहण पड़े जिसमें तीन सूर्य ग्रहण व दो चंद्र ग्रहण रहे। ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुविद डॉ.उद्धव श्याम केसरी ने बताया कि
इन कार्यों को करने से बचे ग्रहण काल में खान-पान, शोर, शुभ कार्य, पूजा-पाठ जैसे कार्य करना निषेध होता है। साथ ही इस दौरान बच्चों व गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखना होता है। ग्रहण काल में भ्रमण, सब्जी काटना, सिलाई बुनाई जैसे कार्य से गर्भवती महिलाएं बचे। साथ ही घर के बाहर निकलने से भी बचे।
मंत्र जाप करे ग्रहण की अवधि में पूजन कार्य करना वर्जित माना गया है लेनिक इस दौरान ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए गुरु मंत्र का जाप व सुंदर कांड का पाठ, रामायण का पाठ कर सकते है।